PPF, सुकन्या समृद्धि योजना समेत स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में बदलाव नहीं, जानें अभी कितना मिल रहा इंट्रेस्ट

जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें वही रहेंगी. ये योजनाएं निवेशकों को गारंटीड रिटर्न देती हैं. पिछले साल से इन योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ था, केवल दो योजनाओं में ही ब्याज दरें बदली गईं थीं.

छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं Image Credit: Getty Images Creative

सरकार ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं यानी Small Savings Schemes की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आम लोग की अपेक्षा थी कि नए साल पर इन ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसका मतलब है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024-25 की आखिरी तिमाही में इन योजनाओं पर वही ब्याज दरें जारी रहेंगी जो पहले थीं.

“पोस्ट ऑफिस योजनाएं” यानी छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD), महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट, और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) शामिल हैं. इन पर मिलने वाले ब्याज में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

छोटी बचत योजनाओं पर कितना ब्याज मिलता है?

ब्याज दरें आखिरी बार कब बदली गईं थी?

छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में आखिरी बार जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में बदलाव हुआ था. हालांकि, उस समय भी सभी योजनाओं की ब्याज दरें नहीं बदली गई थीं. तब तीन साल की पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें ही संशोधित की गई थीं. अप्रैल 2024 के बाद से इन ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

क्या अगली तिमाही में ब्याज दरें घटेंगी?

दुनिया के कई केंद्रीय बैंक अब ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2025 में भारतीय रिजर्व बैंक भी रेपो रेट और अन्य नीतिगत दरों को कम कर सकता है. हालांकि, सरकार छोटे बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बदलाव करते समय सावधानी बरतेगी. पिछले कुछ तिमाहियों में या तो ये दरें स्थिर रहीं हैं या मामूली बढ़ाई गई हैं, इसलिए इन दरों में अचानक बड़ी कटौती की संभावना कम है.

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इन योजनाओं पर कैसे तय होती हैं ब्याज दरें?

छोटी बचत योजनाएं केंद्र सरकार द्वारा समर्थित होती हैं और इन्हें सॉवरेन गारंटी प्राप्त है. सरकार हर तिमाही इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है. श्यामला गोपीनाथ समिति द्वारा सुझाए गए प्रोसेस के अनुसार, इन योजनाओं की ब्याज दरें सरकारी बॉन्ड की यील्ड के आधार पर तय की जाती हैं. इन दरों को सरकारी बॉन्ड यील्ड से 25 से 100 (0.25% से 1%) बेसिस पॉइंट्स से अधिक रखा जाता है ताकि ये योजनाएं निवेशकों के लिए आकर्षक बनी रहें.