NBFC में कराई है FD, बदले गए 5 नियम; कस्टमर ले सकेंगे ये फायदे
नए साल से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर नए गाइडलाइन लागू हो गई है. 1 जनवरी 2025 से हुए प्रमुख बदलाव से कस्मटर को अहम फायदे मिलेंगे.
नए साल से बैंकिंग सेक्टर में कुछ अहम बदलाव हो गए हैं. इनमें से एक बदलाव नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFCs) द्वारा दिए गए फिक्स्ड डिपॉजिट्स (FDs) पर भी होगा. आरबीआई के 12 अगस्त 2024 के सर्कुलर के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से NBFCs कुछ इमरजेंसी खर्चों के लिए FD का इस्तेमाल कर सकेंगी. आरबीआई ने NBFCs से जुड़े फिक्स्ड डिपॉजिट्स को लेकर एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसके अनुसार 1 जनवरी 2025 से ये प्रमुख बदलाव लागू होंगे.
- छोटे डिपॉजिट (₹10,000 से कम) को डिपॉजिटर के अनुरोध पर बिना ब्याज के तीन महीने के भीतर पैसा मिल जाएगा.
- अन्य सार्वजनिक डिपॉजिट्स के लिए, डिपॉजिटर तीन महीने की अवधि से पहले ₹5 लाख या डिपॉजिट के 50% तक की राशि का भुगतान बिना ब्याज के मांग सकते हैं.
- गंभीर बीमारी के मामले में, डिपॉजिटर को पूरी राशि बिना ब्याज के जल्दी वापस मिल सकती है.
- इमरजेंसी खर्चों में नेचुरल डिजास्टर से जुड़ी हेल्थ इमरजेंसी शामिल हैं.
- अब, NBFCs को डिपॉजिट की मैच्योरिटी की जानकारी दो महीने के बजाय 14 दिन पहले देनी होगी.
मैकेनिज्म डेवलप करने का निर्देश
इसके अलावा, NBFCs को अब नामिनेशन, कैंसिलेशन, और संशोधन फॉर्म को सही तरीके से प्राप्त होने की पुष्टि करने के लिए एक मैकेनिज्म बनाने का निर्देश दिया गया है. आरबीआई ने NBFCs को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी ग्राहकों को इसके बारे में जानकारी दी जाए. इसके अलावा, पासबुक में नॉमिनेटेड व्यक्ति का डिटेल दर्ज करने की सलाह दी गई है.
बैंकों से ज्यादा रिटर्न देते हैं NBFC
अगर बैंकों द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट पर दिए जाने वाले रिटर्न की तुलना करें, तो यह NBFC से कम होता है लेकिन यहां रिस्क भी कम होता है. वहीं दूसरी तरफ, NBFCs फिक्स्ड डिपॉजिट पर ज्यादा इंटरेस्ट देती हैं, लेकिन यहां रिस्क भी ज्यादा होता है. पिछले कुछ वर्षों में NBFCs में फिक्स्ड डिपॉजिट की मांग बढ़ी है.
कितनी NBFCs दे रही हैं सेवाएं
31 मार्च 2023 तक, आरबीआई के पास पंजीकृत एनबीएफसी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) की कुल संख्या 9,443 थी. आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इनमें से 8,966 एनबीएफसी गैर-जमा लेने वाली (एनबीएफसी-एनडी) हैं. वहीं, 413 एनबीएफसी प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण (जो बड़े और महत्वपूर्ण मानी जाती हैं) हैं, और केवल 39 एनबीएफसी जमा लेने वाली हैं.