प्राइवेट एम्प्लॉइज के लिए good news, इस बार बंपर बढ़ेगी सैलरी; इतनी फीसदी तक हो सकता है इंक्रीमेंट
Salary increment in private sector: प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. इस बार उनकी सैलरी में अच्छा इंक्रीमेंट हो सकता है. लिडिंग ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म Aon plc ने सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर पॉजिटिव संकेत दिए हैं.
salary increment: प्राइवेट नौकरी करने वाले एम्प्लॉइज के लिए खुशखबरी है. वैश्विक अनिश्चितता और मंदी के बावजूद इस बार एवरेज 9.2 फीसदी तक सैलरी में इंक्रीमेंट हो सकता है. यह इंक्रीमेंट पिछले साल के 9.3 प्रतिशत की तुलना में थोड़ा कम है. लेकिन फिर भी यह भारतीयों के लिए पॉजिटेव संकेत है. हालांकि, 2022 से ही सैलरी इंक्रीमेंट में गिरावट का दौर जारी है, जब कंपनियों ने ग्रेट रिजाइनेशन से प्रभावित होकर एवरेज 10.6 प्रतिशत सैलरी में इंक्रीमेंट किया था.
पीटीआई के मुताबिक, लिडिंग ग्लोबल प्रोफेशनल सर्विस फर्म Aon plc ने सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर ये जानकारी दी है. फर्म के सलाना सैलरी इंक्रीमेंट और टर्नओवर सर्वे 2024-25 के अनुसार, बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता के बीच, भारत एक स्थिर विकास के लिए तैयार है. इसलिए भारत में इस बार सैलरी इंक्रीमेंट भी औसत रहने की उम्मीद है. फर्म ने 45 इंडस्ट्रीज में 1,400 से अधिक कंपनियों के डेटा का विश्लेषण करने वाले अध्ययन में कहा है कि कि भारतीय कंपनियों के लिए एट्रिशन कम होता दिख रहा है.
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कितनी है नौकरी छोड़ने की दर
Aon plc ने अपने स्टडी में कहा है कि कुल मिलाकर नौकरी छोड़ने की दर 2023 में 18.7 प्रतिशत और 2022 में 21.4 प्रतिशत से घटकर 2024 में 17.7 प्रतिशत हो गई. Aon में टैलेंट सॉल्यूशंस फॉर इंडिया के पार्टनर और रिवॉर्ड कंसल्टिंग लीडर रूपांक चौधरी ने कहा कि अनुमानित सैलरी इंक्रीमेंट में गिरावट का रुझान भू-राजनीतिक, आर्थिक विकास, अमेरिकी व्यापार नीतियों के संभावित प्रभाव, मध्य पूर्व में संघर्ष और एआई के बढ़ते इस्तमाल के कारण हो सकता है.
आर्थिक संभावनाएं स्थिर बनी हुई हैं
चौधरी ने कहा कि हालांकि बाहरी अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत की आर्थिक संभावनाएं स्थिर बनी हुई हैं, क्योंकि ग्रामीण मांग में सुधार और निजी खपत में गति बनी हुई है. स्डटी में कहा गया है कि इंजीनियरिंग डिजाइन सेवाओं और ऑटो/वाहन निर्माण के साथ इंटस्ट्रीज में सैलरी इंक्रीमेंट अलग-अलग होने का अनुमान है, जो 10.2 प्रतिशत तक पहुंच सकता है.
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सेक्टर वाइज सैलरी इंक्रीमेंट
चौधरी ने कहा कि हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि सैलरी इंक्रीमेंट में कमी एक एक्सपेक्टेड आउटकम है, क्योंकि कंपनियों पर मार्जिन दबाव है. उन्होंने कहा कि साल 2025 के लिए सेक्टर वाइज सैलरी इंक्रीमेंट रुझान सावधानी और अनुकूलता को दर्शाते हैं, क्योंकि कंपनियां बाजार की चुनौतियों और प्रतिभाओं को आकर्षित और बनाए रखने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाती हैं.