SBI का कर्ज हुआ महंगा, बढ़ जाएगी होम लोन, पर्सनल लोन की EMI
एसबीआई ने हाल ही में दूसरी बार एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है. एसबीआई के चेयरमैन सीएस सेट्टी ने बताया कि बैंक के 42 प्रतिशत लोन एमसीएलआर से जुड़े हैं, जबकि बाकी एक्सटर्नल बेंचमार्क से जुड़े हैं.
भारतीय स्टेट बैंक का कर्ज महंगा होने वाला है, क्योंकि एसबीआई ने अपने एमसीएलआर, यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट्स को बढ़ा दिया है. इसमें 0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जिसके बाद यह 9 प्रतिशत हो गया है. इस बढ़ोतरी का सीधा असर होम लोन और अन्य प्रकार के लोन लेने वालों पर पड़ेगा. सरल भाषा में कहें तो एमसीएलआर वह दर है, जिसे आधार मानकर बैंक लोन देता है.
SBI के MCLR रेट में बदलाव
एसबीआई ने एक साल के एमसीएलआर को 0.05 प्रतिशत बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया है. 1 साल का एमसीएलआर एक इंपोर्टेंट समय है, जिससे होम और फाइनेंस जैसे लॉन्ग टर्म लोन जुड़े होते हैं. एसबीआई ने हाल ही में दूसरी बार एमसीएलआर में बढ़ोतरी की है. एसबीआई के चेयरमैन सीएस सेट्टी ने बताया कि बैंक के 42 प्रतिशत लोन एमसीएलआर से जुड़े हैं, जबकि बाकी एक्सटर्नल बेंचमार्क से जुड़े हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि डिपॉजिट रेट्स संभवतः अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं, और बैंक नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ब्याज दरों का उपयोग करने से बचेगा. एसबीआई ने तीन और छह महीने की अवधि के एमसीएलआर में भी बढ़ोतरी की है, जबकि एक दिन, एक महीने, दो साल और तीन साल की अवधि के एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
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क्या है MCLR और किस पर पड़ता है इसका असर
यदि आप लोन लेना चाहते हैं, तो बैंक जिस दर को आधार मानकर लोन देता है, उसे MCLR या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट कहते हैं. MCLR की शुरुआत 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक ने की थी, जिसने बेस रेट सिस्टम स्थान लिया था. यदि आप लोन लेते हैं, तो MCLR रेट में बदलाव के कारण आपकी लोन की EMI में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है.