डूब रहे को-ऑपरेटिव बैंक, जानें SBI और HDFC में जमा आपका पैसा कितना सेफ
अगर आपका डिपॉजिट SBI या HDFC बैंक में है तो वो कितना सेफ है? RBI देश के तीन सबसे महत्वपूर्ण बैंकों की लिस्ट जारी कर चुका है, जिन्हें सरकार भी संकट में नहीं पड़ने दे सकती. अगर आपका खाता इन बैंकों में हैं तो यहां जानें वह कितना सुरक्षित है?
SBI HDFC Bank: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और HDFC बैंक बारत के दो सबसे बड़े बैंक हैं. SBI सरकारी और HDFC सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक जहां लोग अपनी बरसों की कमाई को जमा करते हैं. लेकिन कैसे पता चलेगा कि आपकी जमा पूंजी कितनी सुरक्षित है या बैंक कितना सुरक्षित है. चलिए रिजर्व बैंक के हवाले से आपको बताते हैं कि SBI और HDFC बैंक कितने सुरक्षित है और उसे जमा आपका पैसा कितना सेफ है.
सरकार के लिए SBI और HDFC बैंक हैं खास
5 लाख तक के बीमा की सुविधा तो हर बैंक के पास है ही. लेकिन SBI और HDFC बैंक और का खास हैं. दरअसल सबसे ज्यादा सुरक्षित, मजबूत और भरोसेमंद बैंकों की लिस्ट RBI जारी करता है.
RBI जिन बैंकों की लिस्ट जारी करता है उसे वह टेक्निकल भाषा में DSIB कहा जाता है. DSIB मतलब डॉमेस्टिक सिस्टमेटिकली इंपोर्टेंट बैंक. DSIB वो बैंक्स होते हैं जिन्हें सरकार कभी डूबने नहीं देना चाहती. ये बैंक्स इतने जरूरी हैं कि अगर इनकी हालात खराब हो तो समझिए कि भारत की अर्थव्यवस्था में खलबली मच जाएगी.
RBI की लिस्ट में कौन से बैंक है?
RBI ने ऐसे तीन बैंक्स की लिस्ट जारी कर रखी है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और दो प्राइवेट बैंक ICICI बैंक और HDFC बैंक का नाम शामिल है. ये वहीं बैंक्स हैं जिन्हें बचाने के लिए सरकार हमेशा आगे रहेगी.
समय समय पर आरबीआई रिव्यू करता है और इस लिस्ट को अपडेट भी करता है. तो अगर इन बैंकों पर कोई संकट आता है तो सरकार इसे बचाने की भरपूर कोशिश करेगी.
RBI क्यों जारी करता है इंपोर्टेंट बैंकों की लिस्ट?
साल 2008 में जब पूरी दुनिया समेत भारत में मंदी आई थी तब शेयर बाजार से लेकर बैंक तक इस मंदी की चपेट में आ गए थे. इस मंदी के तूफान में भारत का नुकसान दोगुना हो गया. तभी सरकार ने तय किया कि ऐसी स्थिति में कुछ चुनिंदा बैंकों को बचाने की जरूरत है ताकि आर्थिक संकट को रोका जा सके.
इसी को आगे बढ़ाते हुए 2015 से सरकार जरूरी बैंकों की लिस्ट जारी करने लगी. 2015 और 2016 में केवल SBI और ICICI बैंक का ही नाम इस लिस्ट में था फिर 2017 में इसमें HDFC का नाम जोड़ा गया और अब तक यही तीन बैंकों का नाम इसमें शामिल हैं.
SBI, HDFC-ICICI बैंक का ही नाम क्यों हैं?
इस लिस्ट में उन्हीं बैंकों को रखा जाता है जिन बैंकों की संपत्ति भारत के जीडीपी के 2% को क्रॉस कर जाए. इन बैंकों को आगे और 5 लेवल में बांटा जाता है. पहले लेवल में नाम मतलब कम जरूरी और पांचवें में हो तो बेहद जरूरी है.
इसके तहत इन बैंकों को भी कुछ खास नियमों का पालन भी करना पड़ता है. ये सारा पैसा लोन देने में या बाकी चाजों के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते.
SBI तीसरे लेवल में हैं तो उसे 0.60% और ICICI और HDFC बैंक को 0.20% मेनटेन करना होता है जो लेवल 1 में हैं.
5 लाख का बीमा
SBI हो या HDFC बैंक या कोई भी अन्य बैंक हो, उसमें जमा पैसों का बीमा भी होता है. अगर बैंक डूबता है तो वह अपने कस्टमर को अधिकतम 5 लाख रुपये सुरक्षित वापस मिल सकते हैं. अगर आपकी जमा 5 लाख से ज्यादा है तो 5 लाख तक तो वापस मिल जाएगा लेकिन बाकी पैसा डूब जाएगा.
दरअसल बैंकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के तहत अपने डिपॉजिट का बीमा कराना होता है. बता दें कि 2021-22 में आए आर्थिक सर्वे में बताया गया था कि SBI का 59% डिपॉजिट का बीमा किया गया है.