बुजुर्गों के लिए FD पर बंपर ब्याज! 5 साल की अवधि पर मिलेगा 9.1 फीसदी तक का रिटर्न
यदि आप वरिष्ठ नागरिक हैं और एफडी में निवेश करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए सही समय हो सकता है. कुछ बैंक अब भी 9.1% तक की ब्याज दर दे रहे हैं, लेकिन आरबीआई की रेपो दर कटौती के कारण भविष्य में ब्याज दरों में बदलाव संभव है.
बुजुर्ग निवेशकों के लिए एक शानदार मौका है, क्योंकि कुछ बैंक अब भी 5 साल की एफडी पर 9.1 फीसदी तक का ब्याज दे रहे हैं. हालांकि, कुछ बैंकों ने हाल ही में ब्याज दरों में कटौती शुरू कर दी है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 7 फरवरी 2025 को रेपो दर में 25 आधार अंकों (BPS) की कमी की थी. आइए जानते हैं किन बैंकों में अब भी ये आकर्षक ब्याज दरें मिल रही हैं.
किन बैंकों में मिल रहा है सबसे ज्यादा ब्याज?
- 9.1% ब्याज दर
सुर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक वरिष्ठ नागरिकों को 5 साल की एफडी पर 9.1% ब्याज दे रहा है. यह वर्तमान में किसी भी बैंक द्वारा दी जाने वाली सबसे अधिक ब्याज दरों में से एक है.
- 8.65% ब्याज दर
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक अपने 5 साल की अवधि वाले एफडी पर वरिष्ठ नागरिकों को 8.65% ब्याज दर प्रदान कर रहा है.
- 8.5% ब्याज दर
नॉर्थईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक बुजुर्ग निवेशकों को 5 साल की एफडी पर 8.5% की ब्याज दर ऑफर कर रहा है.
- 8.35% ब्याज दर
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक 5 साल की सावधि जमा पर वरिष्ठ नागरिकों को 8.35% ब्याज दे रहा है.
- 8.2% ब्याज दर
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक बुजुर्ग निवेशकों को 5 साल की एफडी पर 8.2% ब्याज दे रहा है.
5 साल की एफडी पर टैक्स सेविंग का फायदा
पुराने टैक्स सिस्टम (Old Tax Regime) के तहत 5 साल की एफडी में निवेश करने से वरिष्ठ नागरिकों को धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है. हालांकि, नए टैक्स सिस्टम (New Tax Regime) अपनाने वाले निवेशकों को यह छूट नहीं मिलेगी.
इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिक धारा 80TTB के तहत हर वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक की ब्याज आय पर छूट ले सकते हैं. हालांकि, एफडी की परिपक्वता राशि पर टैक्स स्लैब के अनुसार कर देय होगा.
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छोटे वित्तीय बैंकों में निवेश से पहले सतर्कता जरूरी
छोटे वित्तीय बैंकों में जमा राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा 5 लाख रुपये तक बीमित होती है. हालांकि, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि निवेशकों को जोखिमों को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश की सीमा तय करनी चाहिए. इन बैंकों का व्यवसाय मॉडल पारंपरिक बैंकों से अलग होता है, जिससे जोखिम का स्तर भी भिन्न हो सकता है.