गोल्ड बॉन्ड ने भरी निवेशकों की जेब, 193 फीसदी का मिलेगा दमदार रिटर्न- वो भी टैक्स फ्री
SGBs: जिन लोगों ने 2016-17 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) खरीदा था, उन्हें बड़ा फायदा होने वाला है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एसजीबी के लिए फाइनल मूल्य निर्धारित किया है, जिससे निवेशकों को लगभग तीन गुना रिटर्न मिलेगा. इसके अलावा, इस रिटर्न पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.

Sovereign Gold Bond (SGBs): अगर आपने 2016-17 में Sovereign Gold Bond (SGB) Series IV खरीदा था, तो आपके लिए दो अच्छी खबरें हैं. पहली, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इन बॉन्ड्स के लिए फाइनल रिडेम्पशन प्राइस घोषित कर दिया है, जिससे निवेशकों को जबरदस्त फायदा होने वाला है, क्योंकि इससे उनकी निवेश की गई रकम करीब तीन गुना हो चुकी है. दूसरा, इस प्रॉफिट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. ये कैसे होगा और क्या है पूरा मामला, चलिए यहां समझते हैं.
निवेशकों को मिलेगा 193% का रिटर्न
फरवरी 2017 में ये बॉन्ड 2,943 रुपये प्रति ग्राम की कीमत पर जारी किए गए थे. अब, 17 मार्च 2025 को जब इन्हें रिडीम किया जाएगा, तो इसका मूल्य 8,624 रुपये प्रति ग्राम होगा. यानी निवेशकों को 193% का शानदार रिटर्न मिलेगा. यह कीमत 10 मार्च से 13 मार्च 2025 के बीच 999 प्योरिटी गोल्ड के औसत बंद भाव पर आधारित है, जिसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) ने प्रकाशित किया है.
इसके अलावा, RBI ने SGB 2019-20 Series IV के लिए भी प्रिमैच्योर रिडेम्पशन की मंजूरी दी है. यह बॉन्ड 17 सितंबर 2019 को जारी किया गया था और 17 मार्च 2025 को मैच्योर हो रहा है. अगर कोई निवेशक इसे पहले ही रिडीम करना चाहता है, तो उसे 8,634 रुपये प्रति ग्राम की दर से पेमेंट मिलेगा. यह रेट 11 मार्च से 13 मार्च 2025 के बीच के गोल्ड प्राइस पर आधारित होगा.
SGB को होल्ड करने के बड़े फायदे
- पूरी तरह टैक्स-फ्री: अगर आप बॉन्ड को मैच्योरिटी तक होल्ड करते हैं, तो आपको किसी तरह का कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना पड़ेगा. यानी ये पूरी तरह से टैक्स फ्री होगा.
- गारंटीड रिटर्न: SGBs पर आपको हर साल 2.5% ब्याज मिलता है, जो छह महीने में एक बार आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है.
- बाजार से जुड़े रिटर्न: इन बॉन्ड्स की कीमत गोल्ड के बाजार मूल्य पर आधारित होती है, यानी अगर सोने की कीमत बढ़ती है, तो आपको भी ज्यादा मुनाफा मिलेगा.
- सुरक्षित निवेश: यह भारत सरकार की गारंटी के साथ आता है, इसलिए इसमें डिफॉल्ट का कोई रिस्क नहीं है.
- सुविधाजनक निवेश: यह पेपर या डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध होता है, जिससे सोने को रखने की परेशानी और सुरक्षा का जोखिम खत्म हो जाता है.
- स्टोरेज का खर्च नहीं: चूंकि यह डिजिटल एसेट है, इसलिए न तो आपको इसे रखने के लिए लॉकर की जरूरत होती है और न ही कोई बीमा खर्च देना पड़ता है.
- लिक्विडिटी का ऑप्शन: हालांकि यह 8 साल की अवधि के लिए जारी होता है, लेकिन इसे 5 साल बाद स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड या समय से पहले रिडीम भी किया जा सकता है.
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गोल्ड की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. अभी हाल ही में सोने ने नासिक और जलगांव में टैक्स सहित 91 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड बनाया है और ग्लोबल मार्केट में यह 3,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गया है. MCX पर भी इस साल गोल्ड में 14% की बढ़त हुई है, जिससे यह साफ होता है कि सोना लंबे समय के लिए सुरक्षित और मुनाफेदार निवेश बना हुआ है.
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