नई से पुरानी और पुरानी से नई टैक्स रिजीम में जाने के क्या हैं नियम, सबके लिए हैं अलग-अलग शर्तें

नई और पुरानी टैक्स रिजीम दोनों के अपने-अपने फायदे हैं. हर साल इनकम बदलने पर भी आप दोनों के बीच स्विच करने की सोचते होंगे. दोनों के बीच स्विच करने की अनुमति तो है लेकिन ये नियम सबके लिए अलग अलग है. यहां आपको बताएंगे कौन कितनी बार दोनों रिजीम के बीच स्विच कर सकता है. जानें इससे जुड़े सारे नियम...

क्या टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं? क्या हैं नियम? Image Credit: Money9live/Canva

New Tax Regime and Old Tax Regime: अगर आप भी ये सोच रहे हैं कि नई टैक्स व्यवस्था से पुरानी में स्विच करना चाहिए या फिर पुरानी से नई में आना है तो यहां हम आपकी सारी उलझन दूर करेंगे. 2025 में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय, टैक्सपेयर्स को पुरानी और नई टैक्स रिजीम के बीच चुनना ही पड़ता है. ये चुनाव आपकी इनकम के सोर्स के आधार पर तय करना होता है. 2020 में सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी जिसमें टैक्स की दरें कम हैं, लेकिन पुरानी व्यवस्था की तरह डिडक्शन या छूट नहीं है. टैक्सपेयर्स हर साल अपनी रिजीम को बदल सकते हैं. लेकिन स्विच करने के नियम सभी के लिए समान नहीं हैं. चलिए यहां जानते हैं सब कुछ.

इनकम सोर्स: सैलरी/ब्याज

यदि आपकी इनकम सैलरी, ब्याज, किराया या अन्य नॉन बिजनेस सोर्स से है, तो आपको हर साल नई और पुरानी टैक्स रिजीम के बीच स्विच करने की अनुमति है.

इनकम सोर्स: बिजनेस/प्रोफेशन

यदि आपकी इनकम बिजनेस या प्रोफेशन से आती है, तो स्विच करने के नियम अधिक सख्त हैं:

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