सोना खरीदने और बेचने से पहले जान लें टैक्स के ये नियम, रहेंगे फायदे में
अगर आप भी सोना खरीदना या बेचना चाहते हैं तो गोल्ड पर लगने वाले टैक्स के बारे में जान लें. आइए जानते हैं कि गोल्ड को बेचने और खरीदने पर लगने वाले टैक्स के बारे में.
सोने का भारतीय परंपरा में अपना अलग महत्व है. सोना खरीदने को लोग शुभ मानते हैं. निवेश की दृष्टि से भी गोल्ड को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है. गोल्ड में निवेश करने के बहुत तरीके हैं. जैसे कि जूलरी, ईटीएफ, फिजिकल गोल्ड आदि. लेकिन क्या आपको पता है कि गोल्ड खरीदने और बेचने से पहले टैक्स देना पड़ता है. आइए जानते हैं गोल्ड को खरीदने और बेचने के क्या नियम हैं. उन पर कितना टैक्स देना पड़ता है.
गोल्ड में निवेश करने के कई तरीके हैं. उसी हिसाब से उन पर टैक्स के नियम निर्धारित किए गए हैं. सोने के सिक्के, डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स अलग-अलग देना होता है.
जूलरी पर टैक्स के नियम
सोने पर लांग टर्म कैपिटल गेंस (LTCG) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (STCG) देना होता है. सरकार ने इस साल के बजट में LTCG को 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. इसके मुताबिक अगर आप दो साल के भीतर अपनी जूलरी बेचते हैं तो उस पर 12.5 फीसदी का टैक्स देना होगा. बजट 2024 के बाद फिजिकल गोल्ड के लिए, STCG के लिए होल्डिंग अवधि तीन साल से घटाकर दो साल कर दी गई है.
गोल्ड ETF
गोल्ड ईटीएफ पर भी टैक्स के नियम अलग हैं. अगर आपने ETF में निवेश किया है तो इनकम स्लैब के अनुसार ही टैक्स देना होगा. इसमें समय की गणना का कोई असर नहीं पड़ता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड बेचने पर टैक्स
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स के नियम अलग हैं. अगर आप गोल्ड बॉन्ड को 3 साल से पहले बेचते हैं तो उस पर इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा. अगर आप बॉन्ड को 3 साल होल्ड करने के बाद बेचते हैं तो इंडेक्सेशन के बाद उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा. दरअसल, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 8 सालों में मैच्योर होता है. अगर इसके बाद आप इस बॉन्ड को बेचते हैं तो उस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
गोल्ड म्यूचुअल फंड पर टैक्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड पर लगने वाले टैक्स में बदलाव किया है. नए नियम में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के लिए होल्डिंग पीरियड को कम कर दिया है. निवेश की तिथि से 24 महीने पूरे होने से पहले बेचे जाने पर लाभ को STGC माना जाएगा. और इस पर आपकी इनकम पर लागू इनकम स्लैब के अनुसार ही टैक्स लगाया जाएगा.