न्यू और ओल्ड टैक्स रिजीम में फिर से करना होगा चुनाव! जानें न्यू इनकम टैक्स बिल में क्या है नियम
Income Tax Bill 2025 में नई टैक्स रिजीम से जुड़े मौजूदा नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पहले से चुनी गई टैक्स रिजीम लागू रहेगी और टैक्सपेयर को इसे दोबारा चुनने की जरूरत नहीं होगी. बिजनेस इनकम वाले टैक्सपेयर्स एक बार ही बदलाव कर सकते हैं, जबकि सैलरीड टैक्सपेयर्स हर साल पुरानी और नई टैक्स रिजीम के बीच स्विच कर सकते हैं.

Income Tax Bill 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी को संसद में इनकम टैक्स बिल पेश किया. इस बिल के पेश होने के बाद कई टैक्सपेयर्स के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि क्या न्यू इनकम टैक्स बिल के लागू होने के बाद उन्हें फिर से नई और पुरानी टैक्स रिजीम में से किसी एक को चुनना होगा या पहले चुना गया विकल्प ही लागू होगा. तो आपको बता दे कि जो टैक्सपेयर पहले ही Income-Tax Act 1961 के तहत न्यू टैक्स रिजीम को चुन चुके हैं, उन्हें Income Tax Bill 2025 में इसे दोबारा चुनने की आवश्यकता नहीं होगी. नए बिल में टैक्स सिस्टम चयन से जुड़े मौजूदा नियम पहले की तरह ही जारी रहेंगे. इस बारे में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने पुष्टि की है कि पुराने कानून से नए बिल में बदलाव सुचारू रूप से किया जाएगा और इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग से जुड़े सभी मौजूदा नियम लागू रहेंगे.
Income Tax Bill 2025 में न्यू टैक्स रिजीम
नए इनकम टैक्स बिल में न्यू टैक्स रिजीम से संबंधित कोई नीतिगत बदलाव नहीं किया गया है. बल्कि, CBDT ने न्यू टैक्स रिजीम के प्रावधानों को सरल बनाने के उपाय किए हैं, ताकि इसे समझना आसान हो. इस बिल में पर्सनल टैक्सपेयर्स, घरेलू कंपनियों, सहकारी समितियों और अन्य पात्र टैक्स पेयर्स के लिए विशेष टैक्स रेट पर एक अलग सेक्शन शामिल किया गया है. इसके अलावा अनावश्यक प्रावधानों को हटाकर, टेबल के माध्यम से शर्तों और नियमों को अधिक स्पष्ट रूप से पेश किया गया है और विशेष रेट के लिए पात्र विभिन्न प्रकार की इनकम को एक ही स्थान पर एडजस्ट किया गया है.
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पुरानी या नई टैक्स रिजीम चुनने के मौजूदा नियम
वर्तमान में, टैक्सपेयर ओल्ड टैक्स रिजीम या न्यू टैक्स रिजीम में से किसी एक को चुन सकते हैं. प्रत्येक टैक्स सिस्टम के अपने फायदे और नुकसान हैं और टैक्सपेयर अपनी स्थिति के अनुसार इनमें से किसी एक का चयन कर सकते हैं.हालांकि, टैक्स रेजीम चुनने के कुछ विशेष नियम हैं:
- बिजनेस या पेशे से इनकम वाले टैक्सपेयर साल-दर-साल टैक्स रेजीम नहीं बदल सकते. एक बार नई टैक्स सिस्टमसे बाहर निकलने पर, वे केवल एक बार ही इसमें वापस आ सकते हैं. लेकिन एक बार नई टैक्स सिस्टम में लौटने के बाद, वे दोबारा पुरानी टैक्स सिस्टम में नहीं जा सकते.
- नॉन-बिजनेस इनकम (जैसे वेतनभोगी कर्मचारी) वाले टैक्सपेयर हर साल नई और पुरानी टैक्स सिस्टम के बीच बदलाव कर सकते हैं. हालांकि, पुरानी टैक्स सिस्टम को अपनाने का फैसला इनकम रिटर्न की अंतिम तिथि से पहले करना होगा.
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