लेट होने पर ये ट्रेन अब नहीं देगी रिफंड , IRCTC ने जारी की नई गाइडलाइन

नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस अब देरी पर कोई रिफंड नहीं देगी. पहले यात्रियों को ट्रेन एक घंटे देर होने पर 100 रुपये और दो घंटे से अधिक देर होने पर 250 रुपये का रिफंड मिलता था. लेकिन अब यह सुविधा पूरी तरह बंद कर दी गई है. हालांकि, IRCTC ने यात्रियों की सुविधा के लिए एक नई इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू की है.

तेजस एक्सप्रेस Image Credit: Arvind Yadav/HT via Getty Images

सर्दियों में ट्रेन का लेट होना आम बात है. भारी कोहरे के कारण कभी-कभी ट्रेनें या तो रद्द हो जाती हैं या फिर देरी से चलती हैं. इसी को लेकर तेजस एक्सप्रेस ने अपने यात्रियों को लेट होने पर रिफंड देने का प्रावधान किया था. हालांकि, अब तेजस एक्सप्रेस ने एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, अब लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली इस ट्रेन में लेट होने पर यात्रियों को रिफंड नहीं मिलेगा. पहले ट्रेन के एक घंटे लेट होने पर यात्रियों को प्रति टिकट 100 रुपये और दो घंटे से अधिक लेट होने पर 250 रुपये का रिफंड दिया जाता था. लेकिन अब IRCTC ने इस सुविधा को पूरी तरह से खत्म कर दिया है.

रिफंड की जगह नई इंश्योरेंस पॉलिसी

अब तेजस एक्सप्रेस भी सामान्य ट्रेनों की तरह लेट होने पर कोई रिफंड नहीं देगी. हालांकि, IRCTC ने यात्रियों के लिए एक नई इंश्योरेंस पॉलिसी शुरू की है. इसके तहत बीमा धनराशि में बढ़ोतरी की गई है. अब दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने की स्थिति में यात्री के परिवार वालों को 10 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिलेगी.

अब तक दिया गया रिफंड

IRCTC के सीआरएम अजीत सिन्हा ने बताया कि लेट होने पर रिफंड की सुविधा को खत्म कर दिया गया है और इसके स्थान पर इंश्योरेंस धनराशि बढ़ाई गई है. तेजस एक्सप्रेस, जो नई दिल्ली से लखनऊ के बीच चलती है, अपनी समय पर पहुंचने के लिए जानी जाती थी. हालांकि, सर्दियों के मौसम में कोहरे के चलते ट्रेन की देरी पर IRCTC ने यात्रियों को कई बार रिफंड दिया है. रेलवे विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक यात्रियों को लगभग 3 करोड़ रुपये तक का रिफंड दिया गया है.

नई इंश्योरेंस पॉलिसी के लाभ

IRCTC द्वारा लागू की गई नई इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत यात्रियों को दुर्घटना के मामलों में पहले से अधिक बीमा सुरक्षा दी जाएगी.

  • मृत्यु की स्थिति में 10 लाख रुपये.
  • स्थायी शारीरिक अपंगता की स्थिति में 10 लाख रुपये.
  • सामान्य चोटों पर 7.5 लाख रुपये.
  • अस्पताल में इलाज के खर्च के लिए 2 लाख रुपये.

इसे भी पढ़ें- अमीर बनने के लिए 2025 में अपनाएं ये 5 आसान फाइनेंशियल टिप्स