देश का पहला आधार इस महिला के नाम, लेकिन फिर भी योजनाओं का फायदा नहीं, केवल 3500 रुपये कमाई
रंजना सोनवणे जिन्हें भारत में सबसे पहले आधार कार्ड मिला था. इसके बावजूद, वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं. रंजना सोनवणे को लाडकी बहिन योजना के तहत मिलने वाली 1,500 रुपये की मासिक सहायता नहीं मिल रही है. आइए जानते हैं कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं ले पा रही हैं.

Who is the first Aadhaar card holder: जब आप किसी क्षेत्र में पहले स्थान पर आते हैं, तो आपको लगता है कि आप उस क्षेत्र के बादशाह होंगे. लेकिन महाराष्ट्र की महिला के पहले स्थान पर आने के बाद भी उसके हाथ खाली हैं. इस महिला का नाम रंजना सोनवणे है. दरअसल, ये वही महिला हैं, जिन्हें भारत में सबसे पहले आधार कार्ड मिला था. इसके बावजूद, वे किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं उठा पा रही हैं. आइए जानते हैं कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ क्यों नहीं ले पा रही हैं.
लाडकी बहिन योजना का लाभ नहीं मिल रहा
TOI के एक रिपोर्ट के मुताबिक रंजना सोनवणे को लाडकी बहिन योजना के तहत मिलने वाली 1,500 रुपये की मासिक सहायता नहीं मिल रही है. यह योजना 21 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए है. इसमें आधार से जुड़े बैंक खाते में सीधे पैसे भेजे जाते हैं. लेकिन रंजना का आधार किसी अन्य व्यक्ति के बैंक खाते से जुड़ा हुआ है. इसके कारण उन्हें यह राशि नहीं मिल रही.
54 वर्षीय रंजना नंदुरबार जिले के टेंभली गांव में रहती हैं. 29 सितंबर 2010 को जब उन्हें आधार कार्ड मिला तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के साथ उनकी तस्वीर खींची गई थी. उस दिन उन्हें लगा था कि उनकी जिंदगी बदल जाएगी और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
यह भी पढ़ें: Gensol को लोन देना PFC और IREDA को पड़ा भारी, फंसे 977 करोड़, रिकवरी के लिए लिया ये एक्शन
परिवार की सालाना आय 40,000 रुपये
रंजना के पति खिलौने बेचते हैं. उनका परिवार सालाना केवल 40,000 रुपये कमाता है. रंजना स्वयं मजदूरी करती हैं. उनके तीन बेटों में से एक के पास नौकरी है, जबकि दो अभी पढ़ाई कर रहे हैं. रंजना कहती हैं कि उनके बेटों को सरकारी नौकरी नहीं मिली. वे कहती हैं, “हम बूढ़े हो रहे हैं. कब तक दफ्तरों के चक्कर काटेंगे?” इस साल वे सात बार तालुका कार्यालय जा चुकी हैं. फिर भी, रंजना उम्मीद नहीं छोड़तीं. लेकिन अब वे कहती हैं कि वे सरकार के भरोसे नहीं रहतीं. उनके बेटे मेहनती हैं और वे अपना ख्याल रख लेंगे.
अधिकारियों ने क्या कहा?
अधिकारियों का कहना है कि रंजना का आधार एक निजी बैंक खाते से जुड़ा है. लेकिन उन्हें नहीं पता कि पैसे क्यों नहीं पहुंच रहे. एक अधिकारी ने बताया कि शायद रंजना के दो मुख्य खाते जॉइंट होल्डर्स के साथ हैं. इसके कारण आधार गलत खाते से लिंक हो गया. इसे ठीक करने के लिए रंजना को शिकायत दर्ज करनी होगी. हालांकि, रंजना और उनके बेटे उमेश ने कई बार बैंक और अधिकारियों से संपर्क किया. लेकिन कोई समाधान नहीं मिला. बैंक ने उन्हें मुंबई की शाखा में जाने को कहा है.
Latest Stories

HRA: टैक्स छूट को लेकर जानें सारे नियम, नई-पुरानी रिजीम में कैसे होता है कैलकुलेशन? देने होते हैं ये दस्तावेज

क्या ITR फाइल करते समय नए या पुराने टैक्स रिजीम में कर सकते हैं बदलाव, जानें क्या है नियम

Dream 11 से हुई कमाई पर कितना देना होगा टैक्स, जानें 1 करोड़ पर कितनी बनेगी देनदारी
