लोन गारंटर बनते समय दिल नहीं दिमाग से लें काम, वरना पछताते रह जाएंगे

लोन गारंटर बनना सिर्फ एक साइन नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी और जोखिम है. अगर उधारकर्ता लोन नहीं चुकाता, तो आपकी संपत्ति जब्त हो सकती है, क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. गारंटर बनने से पहले सभी कानूनी दस्तावेज समझें और पूरी जांच-पड़ताल करें.

लोन गारंटर बनना सिर्फ एक साइन नहीं, बल्कि बड़ी जिम्मेदारी और जोखिम है. Image Credit: jayk7/Moment/Getty Images

Loan Guarantor Financial Risk: नियमों के मुताबिक, बैंक से लोन लेते समय एक लोन गारंटर की जरूरत होती है. देश में लोग अक्सर अपने करीबी रिश्तेदारों या दोस्तों को गारंटर बनाते हैं. लेकिन अगर लोन लेने वाला व्यक्ति समय पर लोन नहीं चुका पाता, तो गारंटर के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. इसलिए अगर कोई आपसे कहे, सिर्फ एक साइन कर दो, कुछ नहीं होगा, तो सावधान रहें. लोन गारंटर बनना सिर्फ मदद नहीं, बल्कि एक बड़ी आर्थिक जिम्मेदारी और जोखिम है.

गारंटर बनने का फैसला भावनात्मक हो सकता है, लेकिन इसके संभावित खतरों को समझना जरूरी है. वरना एक छोटा सा साइन आपकी जिंदगी को बड़ी मुश्किलों में डाल सकता है. आइए जानें कि अगर लोन लेने वाला डिफॉल्टर हो जाता है, तो गारंटर को किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

लोन गारंटर बनने से पहले इन जोखिमों को समझें

कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी आपकी

अगर लोन लेनें वाला लोन नहीं चुका पाता, तो बैंक सीधे गारंटर से वसूली कर सकता है. कई बार बैंक बिना उधारकर्ता को नोटिस दिए गारंटर से पैसे मांग सकते हैं. आपके खिलाफ केस दर्ज हो सकता है, बैंक अकाउंट और संपत्ति सीज हो सकती है. यानी, मामला सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि कानूनी भी हो सकता है.

क्रेडिट स्कोर खराब होने का खतरा

अगर उधारकर्ता लोन की किस्तें नहीं चुकाता, तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ सकता है. इससे भविष्य में खुद आपके लिए लोन लेना मुश्किल हो सकता है. बैंक ऊंची ब्याज दरों पर लोन देंगे या सीधे मना भी कर सकते हैं.

भारी-भरकम जुर्माना और पेनाल्टी

अगर लोन चुकाने में देरी होती है या चुकाया नहीं जाता, तो सिर्फ मूलधन ही नहीं, बल्कि ब्याज, लेट फीस, पेनाल्टी और प्रोसेसिंग फीस भी आपसे वसूली जा सकती है. अगर लोन अमाउंट बड़ा है, तो यह कर्ज आपके लिए जीवनभर का बोझ बन सकता है.

कानूनी झंझट और कोर्ट-कचहरी

अगर मामला कोर्ट तक पहुंचता है, तो आपको वकीलों की भारी फीस, कोर्ट की तारीखें और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. एक साइन से शुरू हुई मदद सालों का कानूनी झंझट बन सकती है.

पीछा छुड़ाना मुश्किल

एक बार गारंटर बनने के बाद उससे निकलना लगभग नामुमकिन होता है. जब तक उधारकर्ता दूसरा गारंटर नहीं लाता या पर्याप्त संपत्ति गिरवी नहीं रखता,तबकत आप बंधे रहेंगे. कई बार बैंक गारंटर को हटाने से साफ मना कर देते हैं.

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संपत्ति जब्त होने का खतरा

अगर कोर्ट का फैसला आपके खिलाफ आता है, तो बैंक आपकी प्रॉपर्टी, बैंक अकाउंट, गाड़ी या सोना तक जब्त कर सकता है. इससे आपकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बिगड़ सकती है.

क्या करें गारंटर बनने से पहले?

अगर किसी के लिए गारंटर बनने की सोच रहे हैं, तो पहले उसकी आर्थिक स्थिति का आकलन करें. सभी कानूनी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें और किसी वित्तीय विशेषज्ञ से सलाह लें. अगर आपको जरा भी संदेह है या आपकी अपनी आर्थिक स्थिति स्थिर नहीं है, तो गारंटर बनने से मना कर देना ही बेहतर है.