2024 में UPI की बदल गई सूरत, इन फीचर्स ने बनाया लाजवाब

2024 में UPI में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जैसे ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाई गई, UPI Lite और UPI123Pay की लिमिट बढ़ाई गई, और UPI सर्कल लॉन्च हुआ. इसके अलावा, UPI Lite के लिए एक्स्ट्रा सर्टिफिकेशन को हटा दिया गया.

2024 में UPI में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. Image Credit: @Tv9

आजकल डिजीटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है और लोग नगदी पर कम निर्भर हो रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI), जो भारत में ऑनलाइन पेमेंट के लिए सबसे लोकप्रिय तरीका बन चुका है. एनपीसीआई (National Payments Corporation of India) के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में UPI के माध्यम से 15,482 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी कुल राशि 21,55,187 करोड़ रुपये रही. इस साल ग्राहकों की सुविधा के लिए कई अहम बदलाव किए गए हैं. आइए जानते हैं 2024 में UPI में क्या बदलाव हुए हैं.

ट्रांजेक्शन लिमिट बढ़ाई गई

2024 के अगस्त में, NPCI ने UPI की कुछ कैटेगरी में प्रति लेन-देन की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये कर दिया. यह सीमा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के भुगतान, अस्पतालों और शैक्षिक संस्थानों को भुगतान, और IPOs या RBI की रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए आवेदन करने पर लागू होती है. इसके अलावा, बीमा और शेयर बाजार से संबंधित लेन-देन के लिए सीमा 2 लाख रुपये निर्धारित की गई है.

UPI Lite की लिमिट बढ़ाई गई

इस वर्ष, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने UPI Lite और UPI123Pay की लिमिट को बढ़ाने का फैसला किया. UPI Lite: पहले इसका वॉलेट लिमिट 2,000 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 5,000 रुपये कर दिया गया. UPI Lite छोटे-मूल्य वाले लेन-देन के लिए उपयोग किया जाता है, और अब आप एक बार में 1,000 रुपये तक के लेन-देन कर सकते हैं, जो पहले केवल 500 रुपये तक था.

UPI123Pay: यह UPI का एक ऐसा तरीका है, जिसके माध्यम से आप बिना स्मार्टफोन और इंटरनेट के भी UPI से लेन-देन कर सकते हैं. इसकी सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है, जबकि पहले यह 5,000 रुपये थी.

UPI सर्कल लॉन्च हुआ

UPI सर्किल एक डिजिटल सेवा है, जिसमें मुख्य यूजर (प्राइमरी यूजर) किसी दूसरे व्यक्ति को ट्रांजैक्शन करने की अनुमति दे सकता है. इस सुविधा के तहत, यूजर अपने UPI अकाउंट से किसी को पेमेंट करने की परमिशन दे सकता है, लेकिन यह एक सीमा तक होता है. इसमें दो विकल्प दी गई है.

फुल डेलीगेशन:

इस विकल्प में, मुख्य यूजर अपने सभी सेकेंडरी यूजर्स को ट्रांजैक्शन करने की अनुमति देता है. इसके तहत, सेकेंडरी यूजर एक महीने में अधिकतम 15,000 रुपये तक का ट्रांजैक्शन कर सकता है.लेकिन, एक बार में 5,000 रुपये तक का ट्रांजैक्शन किया जा सकता है.

पार्शियल डेलीगेशन:

इस विकल्प में, मुख्य यूजर अपने सेकेंडरी यूजर्स को पेमेंट शुरू करने की अनुमति देता है, लेकिन भुगतान तभी होगा जब मुख्य यूजर अपना UPI पिन डालेगा. इस सुविधा में भी अधिकतम ट्रांजैक्शन सीमा 15,000 रुपये होती है. इस तरह से UPI सर्किल के जरिए आप अपने बैंक अकाउंट से पेमेंट करने के लिए दूसरों को भी अनुमति दे सकते हैं, और यह सुविधा आपकी जरूरत के हिसाब से पूरी तरह सुरक्षित और नियंत्रित रहती है.


एक्स्ट्रा सर्टिफिकेशन को हटाया

जून 2024 में, RBI ने UPI Lite वॉलेट में पैसे डालने के लिए एक्स्ट्रा सर्टिफिकेशन या प्री-डेबिट नोटिफिकेशन की आवश्यकता को हटा दिया. पहले अगर आपने अपनी वॉलेट लिमिट 2,000 रुपये तय की थी और बैलेंस 2,000 रुपये से कम हो जाता था, तो आपको बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के लिए सर्टिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। अब यह प्रक्रिया हटा दी गई है और UPI Lite बैलेंस अब ऑटोमेटिक रूप से टॉप-अप हो जाएगा.