रिटायरमेंट प्लानिंग : UPS या NPS लंबे वक्त के लिए कौन सी योजना है सबसे ज्यादा टिकाऊ

अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और अपना रिटायरमेंट प्लान कर रहें हैं तो यह खबर आपके लिए है. जानें की तमाम सरकारी पेंशन योजनाओं में से आपके लिए कौन सी पेंशन स्कीम सबसे सटीक है.

CGHS और ECHS लाभार्थियों को मिलेगा आयुष्मान योजना का लाभ Image Credit: triloks/E+/Getty Images

सरकार ने हाल के फैसलो में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को अपनाने के बाद पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को धीरे-धीरे खत्म करने का निर्णय लिया. सरकार के इस निर्णय की आलोचना की गई. खासकर सरकारी कर्मचारियों ने असंतोष पैदा किया. कामगरों के नाराजगी का फायदा राजनीतिक पार्टियों ने भी उठाया. कई राज्यों और विपक्षी पार्टियों ने चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के लिए OPS को वापस लाने की मांग रखी.

इन पेंशन योजनाओं पर इस उठा पटक के बीच केंद्र सरकार ने बीच का रास्ता निकाला. केंद्र ने अगस्त 2024 में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की. UPS दोनों पेंशन स्कीम का मिश्रण है. यह योजना सरकारी कर्मचारियों को एक सुरक्षित और भरोसेमंद रिटायरमेंट प्लान मुहैया करती है.

OPS और NPS के बीच क्यों छिड़ी जंग

OPS कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद उनकी अंतिम सैलरी का 50% पेंशन के रूप में देती है. साथ ही महंगाई को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को महंगाई राहत भी दी जाती थी. इस योजना के तहत कर्मचारी को पेंशन पाने के लिए किसी भी तरह का योगदान नहीं देना पड़ता था, जिससे यह योजना उनके लिए फायदेमंद थी. लेकिन इस योजना से सरकार पर वित्तीय दबाव काफी बढ़ जाता था.

वहीं 2004 में लॉन्च हुई NPS में कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते हैं.इस योजना में कर्मचारी अपने वेतन का 10% योगदान करते हैं, जबकि सरकार 14% योगदान देती है. हालांकि NPS में निवेश को मार्केट से जोड़ा गया है, जिससे पेंशन की राशि बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है. NPS ने सरकार पर वित्तीय बोझ को कम किया, लेकिन इसमें बाजार जोखिम के कारण पेंशन राशि की कोई गारंटी नहीं थी.

यूनिफाइड पेंशन योजना के फायदे

यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को OPS और NPS का संतुलित रूप माना जा रहा है. यह योजना कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके अंतिम 12 महीनों के औसत वेतन का 50% पेंशन के रूप में देगी. इसके साथ ही UPS में महंगाई से निपटने के लिए इंडेक्सेशन की सुविधा भी दी गई है, जो औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) पर आधारित होगी. UPS में कर्मचारियों से 10% और सरकार से 18.5% का योगदान लिया जाएगा, जो NPS के मुकाबले बढ़ाया गया है.

कौन सी योजना होगी ज्यादा लाभदायक?

सरकार का दावा है कि UPS से 99% कर्मचारी लाभान्वित होंगे. खासकर वे कर्मचारी जो रिटायरमेंट के करीब हैं, उन्हें UPS ज्यादा फायदेमंद साबित होगी. वहीं, जो कर्मचारी युवा हैं और लचीलेपन की तलाश में हैं, उनके लिए NPS बेहतर विकल्प हो सकता है.

आगामी वित्तीय वर्ष से सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी जो 31 मार्च 2025 से पहले रिटायर होंगे UPS के लिए पात्र होंगे. NPS में शामिल कर्मचारी, जो 1 अप्रैल 2004 के बाद सेवा में आए हैं वे दोनों योजनाओं में से किसी एक का चयन कर सकते हैं. UPS का विकल्प एक बार चुनने के बाद अपरिवर्तनीय होगा यानी कर्मचारी NPS पर वापस नहीं जा सकेंगे.