Income Tax विभाग ने बढ़ा दी विवाद से विश्वास स्कीम की डेडलाइन, ऐसे टैक्सपेयर्स को मिलेगी बड़ी राहत
इनकम टैक्स विभाग ने उन टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है, जिनका टैक्स से जुड़ा कोई विवाद लंबित है. विवाद से विश्वास स्कीम में आवेदन करने की डेडलाइन बढ़ा दी गई है. इस स्कीम के जरिए टैक्स से जुड़े विवादित मामलों का निपटारा किया जाता है.
Vivad Se Vishwas Scheme Deadline: इनकम टैक्स विभाग ने विवाद से विश्वास योजना की डेडलाइन 31 दिसंबर 2024 से बढ़ाकर 31 जनवरी 2025 कर दी है. इस स्कीम के जरिए टैक्सपेयर्स कम टैक्स का भुगतान कर विवाद को निपटा सकते हैं. अगर विवाद से विश्वास स्कीम की डेडलाइन नहीं बढ़ाई जाती, तो टैक्सपेयर्स को आवेदन करने के लिए 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना पड़ता. डेडलाइन बढ़ने से उन टैक्सपेयर्स को फायदा मिलेगा, जिन्होंने अभी तक विवाद से विश्वास स्कीम के लिए आवेदन नहीं किया है.
नहीं लगेगा अतिरिक्त टैक्स
इनकम टैक्स विभाग ने 30 दिसंबर, 2024 को जारी एक सर्कुलर में कहा कि सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT), डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना, 2024 (‘योजना’) की धारा 97 की उपधारा (2) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए योजना की धारा 90 की तालिका के कॉलम (3) के अनुसार बकाया राशि निर्धारित करने की तारीख को 31 दिसंबर, 2024 से बढ़ाकर 31 जनवरी, 2025 करता है. सर्कुलर के अनुसार, डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना में अगर 31 जनवरी 2025 के बाद कोई आवेदन करता है, तो फिर उसे अतिरिक्त टैक्स देना होगा.
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कब से शुरू हुई स्कीम
सरकार ने बजट 2024 में डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास योजना का ऐलान किया था. यह स्कीम टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स विभागके साथ अपने लंबित विवादों को निपटाने का अवसर प्रदान करती है. इस योजना के तहत, आपको विवादित टैक्स राशि के साथ-साथ विवादित टैक्स राशि पर एक निर्दिष्ट फीसदी का भुगतान करना होगा.
एक बार जब निर्दिष्ट कर राशि आवेदन पत्र के साथ सरकार को जमा कर दी जाती है, तो इनकम टैक्स विभाग सभी अतिरिक्त दंड माफ कर देगा और टैक्स विवाद मामले को बंद कर देगा. इस योजना का लाभ वे टैक्सपेयर्स उठा सकते हैं जिनके पास रिट, विशेष अनुमति याचिका (अपील) सहित विवाद/अपील हैं.
20 सितंबर को CBDT ने इस योजना को अधिसूचित किया, जो 1 अक्टूबर से लागू हुई. इस योजना में ‘पुराने अपीलकर्ता’ की तुलना में ‘नए अपीलकर्ता’ के लिए कम निपटान राशि का प्रावधान है. साथ ही, यह उन टैक्सपेयर्स के लिए कम निपटान राशि का प्रावधान करता है, जो 31 जनवरी 2025 को या उससे पहले आवेदन दाखिल करते हैं.