ग्रेटर नोएडा में 10 फीसदी बढ़ा पानी का बिल, समय पर पेमेंट करने पर मिलेगी छूट

ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) ने पानी के बिलों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है. अथॉरिटी ने आदेश जारी करने के साथ ही नई दरें भी तय कर दी हैं. हालांकि, ये नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी. ऐसे में आइए जानते हैं किसे कितना पेमेंट करना होगा.

ग्रेटर नोएडा में पानी हुआ महंगा

Greater Noida water hike 2025: ग्रेटर नोएडा के निवासियों के लिए एक बुरी खबर है. दरअसल ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) ने पानी के बिलों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है. अथॉरिटी ने आदेश जारी करते हुए नई दरें तय कर दी हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी.

1 अप्रैल से बढ़े हुए बिल का भुगतान करना होगा

1 अप्रैल से ग्रेटर नोएडा के निवासियों को पहले की तुलना में अधिक पानी बिल देना होगा. हालांकि यह पहली बार नहीं है जब पानी के बिल में बढ़ोतरी की गई है, बल्कि हर साल की तरह इस बार भी 1 अप्रैल से नई दरें लागू की जा रही हैं. ये दरें अलग-अलग प्लॉट श्रेणियों के लिए अलग-अलग होंगी. आइए जानते हैं कि किसे कितना भुगतान करना होगा.

किसे कितना देना होगा?

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा शहर के आवासीय, औद्योगिक, व्यवसायिक और ग्रुप हाउसिंग भूखंडों में पीने के पानी की आपूर्ति की जाती है. इन सभी आवंटियों से तय दरों के अनुसार पानी का बिल वसूला जाता है. जिसके तहत,

  • 60 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंडों का पानी बिल 173 रुपये से बढ़कर 190 रुपये प्रति माह हो जाएगा.
  • 60 से 120 वर्ग मीटर के भूखंडों का बिल 286 रुपये से बढ़कर 315 रुपये प्रति माह होगा.
  • 501 से 1,000 वर्ग मीटर के भूखंडों के लिए अब 1,854 रुपये की जगह 2,039 रुपये प्रति माह देना होगा.

सबसे ज्यादा असर कहां पड़ेगा?

  • इस बढ़ोतरी का सबसे अधिक प्रभाव हाउसिंग सोसाइटीज और बड़े कमर्शियल प्लॉट्स पर पड़ेगा.
  • 1,000 वर्गमीटर तक की हाउसिंग सोसाइटी का बिल 7,500 रुपये से बढ़कर 8,250 रुपये हो गया है.
  • 10 एकड़ से बड़े प्लॉट्स पर हर अतिरिक्त एकड़ के लिए 14,124 रुपये और जोड़े जाएंगे.
  • कुछ जगहों पर पानी का बिल 1.8 लाख रुपये प्रति माह तक हो सकता है.

उद्योगों और आईटी कंपनियों पर असर

वहीं सबसे महंगा बिल औद्योगिक, शैक्षणिक संस्थानों और आईटी कंपनियों (ITES) को देना होगा. इनके लिए मासिक चार्ज 30,788 रुपये से बढ़कर 90,000 रुपये से ज्यादा हो सकता है.

समय पर भुगतान करने पर छूट

अगर अप्रैल से सितंबर के बीच पूरा सालाना भुगतान कर दिया जाता है, तो 5 फीसदी की छूट मिलेगी. लेकिन यदि पूरा साल बीतने के बाद भुगतान किया जाता है, तो 11 फीसदी पेनल्टी लगेगी.

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