क्रेडिट कार्ड पर बकाया अमाउंट को कर सकते हैं ट्रांसफर, जानिए कैसे बचा सकते हैं अपने पैसे

आप आपने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि को किसी अन्य क्रेडिट कार्ड पर ट्रांसफर कर सकते हैं. इस तरह से आप पैसों की बचत कर सकते हैं. इसके कई फायदे हैं, आइए इसे समझते हैं.

क्रेडिट कार्ड Image Credit: Matt Cardy/Getty Images

अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर बहुत अधिक बकाया हो गया है और आपके लिए इसे तुरंत चुकाना संभव नहीं है, तो आप मिनिमम अमाउंट देकर किसी भी तरह की परेशानी से बच सकते हैं. ये बेहद सामान्य ऑप्शन है, जिसका लोग इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, एक और ऑप्शन उपलब्ध है और वो है बैलेंस ट्रांसफर. इस ऑप्शन के जरिए आप आपने क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि को किसी अन्य क्रेडिट कार्ड पर ट्रांसफर कर सकते हैं. इस तरह से आप पैसों की बचत कर सकते हैं. आइए इसे समझते हैं.

ब्याज दर की बचत

मान लीजिए कि आपके क्रेडिट कार्ड पर कुल एक लाख रुपये का ड्यू अमाउंट है. इस बकाया राशि पर आपको 3.5 फीसदी की दर से हर महीने ब्याज चुकाना पड़ रहा है. लेकिन आपके पास मौजूद दूसरे क्रेडिट कार्ड पर कर्ज को ट्रांसफर करने का ऑप्शन है, जिसपर ब्याज की दर 2 फीसदी है. मतलब आप दूसरे कार्ड पर कर्ज को ट्रांसफर कर ब्याज में हर महीने 50 बेसिस पॉइंट की बचत कर सकते हैं. इस तरह आप साल में 6 फीसदी ब्याज की रकम बचा सकते हैं.

क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर

क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर का मतलब एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे क्रेडिट कार्ड में शेष राशि ट्रांसफर से है, जो आमतौर पर ब्याज की बचत करने के लिए किया जाता है. क्रेडिट कार्ड बैलेंस को ट्रांसफर करने का बड़ा फायदा बकाया चुकाने के लिए मिलने वाला अधिक समय है, जो 45 दिनों तक का हो सकता है. इसके अलावा दूसरे कार्ड पर लगने वाला कम ब्याज दर भी फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

इन फैक्टर्स का रखें ध्यान

अगर नया क्रेडिट कार्ड कम ब्याज दर लेता है तो उसे चुनना समझदारी है. दूसरा मुख्य फैक्टर प्रोसेसिंग फीस होगा, जो ट्रांसफर से हासिल बचत को उचित ठहराने के लिए पर्याप्त रूप से कम होना चाहिए. इसके अलावा ट्रांसफर पर किसी भी तरह का चार्ज नहीं होना चाहिए.

कर लें कैलकुलेशन

सबसे पहले आपको कुल बकाया राशि, ब्याज दरें और जुर्माना शुल्क का कैलकुलेशन करना होगा. फिर आप ऐसे क्रेडिट कार्ड की तलाश कर सकते हैं, जिसपर आपके मौजूदा क्रेडिट कार्ड से कम ब्याज दर लगे. आपको यह चेक करना होगा कि नए कार्ड की क्रेडिट लिमिट आपके कुल कर्ज से अधिक है या नहीं. इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस और बैलेंस ट्रांसफर ऑप्शन की उपलब्धता भी चेक करें.