ससुर ने बहू को दिया मोटा पैसा तो भी लगेगा इनकम टैक्स, जान लें पूरा कैलकुलेशन
Income Tax विभाग ने "क्लबिंग ऑफ इनकम" पर नया डॉक्यूमेंट जारी कर बताया है कि टैक्स कैसे लगेगा. इसके तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को ट्रांसफर किए बिना इनकम को ट्रांसफर करता है, तो उस इनकम पर उसी को टैक्स देना होगा जिसने ट्रांसफर किया है. यह नियम पति-पत्नी और बच्चों की इनकम पर भी लागू होता है.
Income Tax Rule: इनकम टैक्स विभाग ने हाल ही में “क्लबिंग ऑफ इनकम” पर नया डॉक्यूमेंट जारी किया है, जिसमें बताया है कि इनकम को क्लब यानी जोड़ने का प्रावधान कैसे लागू होता है. इनकम को क्लब करने का मतलब है जब आपकी पत्नी या बच्चे या किसी अन्य व्यक्ति की इनकम आपकी कुल इनकम में शामिल की जाती है और उसी के अनुसार टैक्स लगाया जाता है. कानून के हिसाब से पति या पत्नी जिसकी इनकम ज्यादा होगी उसमें ही बाकियों की इनकम को क्लब कर दिया जाएगा. केवल पति या पत्नी ही नहीं, अगर कोई घर में बहू है तो उसकी इनकम भी क्लब (Clubbing of Income) की जा सकती है जो घर में सबसे ज्यादा कमाई करता हो, जैसे उसका पति या उसके ससुर. यहां आपको समझाएंगे क्लबिंग ऑफ इनकम का पूरा कैलकुलेशन. मान लीजिए कोई ससुर अपनी बहू को पैसा देता तो उस पर कैसे टैक्स की देनदारी बनेगा. चलिए समझते हैं.
क्या है क्लबिंग ऑफ इनकम?
इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, क्लबिंग ऑफ इनकम का मतलब है कि केवल कुछ खास परिस्थितियों में किसी अन्य व्यक्ति की इनकम को टैक्सपेयर की कुल इनकम में जोड़ना. यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि लोग टैक्स बचाने के लिए अपनी इनकम को परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर ट्रांसफर न कर सकें. यह नियम केवल व्यक्तियों (Individuals) पर लागू होता है, किसी फर्म, HUF या कंपनी पर नहीं.
क्लबिंग ऑफ इनकम क्यों की जाती है?
इनकम टैक्स विभाग ने यह नियम इसलिए बनाए हैं ताकि लोग अपनी टैक्स देनदारी को को कम करने के लिए अपनी इनकम को कम टैक्स स्लैब में आने वाले परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर न कर सकें.
क्लबिंग ऑफ इनकम क्या है नियम
इनकम टैक्स विभाग के अनुसार, क्लबिंग ऑफ इनकम के जो महत्वपूर्ण प्रावधान हैं:
सेक्शन 60: बिना संपत्ति ट्रांसफर किए इनकम का ट्रांसफर
यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति को ट्रांसफर किए बिना इनकम को ट्रांसफर करता है, तो उस इनकम पर उसी को टैक्स देना होगा जिसने ट्रांसफर किया है.
इसे उदाहरण से समझिए, किसी ससुर ने अपनी बहू के लिए खुद के नाम से 1 करोड़ की FD बना ली. जब 7 फीसदी ब्याज यानी 7 लाख रुपये आया तो सूसर ने अपनी बहू को ब्याज का सारा पैसा बहू के खाते में ट्रांसफर दिया. इस हिसाब से एफडी पर हुई 7 लाख की कमाई पर ससुर टैक्स देने से बच जाएंगे. लेकिन नहीं, ऐसा नहीं हो पाएगा. इनकम टैक्स को इसकी जानकारी लगी तो टैक्स के साथ जुर्माना लगेगा. इसलिए बेहतर होगा कि ससुर बहू के खाते में ब्याज का पैसा ट्रांसफर करें लेकिन बहू की इस 7 लाख की इनकम को खुद की इनकम मान कर टैक्स भरें.
सेक्शन 61: रिवोकेबल ट्रांसफर ऑफ एसेट्स
यदि कोई संपत्ति किसी ऐसे नियम के तहत ट्रांसफर की गई है, जहां वह वापस ट्रांसफरर (Transferer) के पास आ सकती है, तो उस संपत्ति से होने वाली इनकम ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति की इनकम मानी जाएगी.
सेक्शन 64(1)(ii), 64(1)(iv), 64(1)(vii): पत्नी की इनकम
यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को कोई संपत्ति ट्रांसफर करता है बिना किसी पेपर वर्क के, तो उस संपत्ति से होने वाली इनकम ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति की इनकम में जोड़ी जाएगी.
सेक्शन 64(1)(vi), 64(1)(viii): बहू को ट्रांसफर की गई संपत्ति से इनकम
यदि किसी व्यक्ति ने डायरेक्टली या इनडायरेक्टली अपनी बहू को कोई संपत्ति ट्रांसफर की, तो उस संपत्ति से होने वाली इनकम ट्रांसफर करने वाले व्यक्ति की इनकम मानी जाएगी और टैक्स लगेगा.
सेक्शन 64(1A): नाबालिग बच्चे की इनकम
नाबालिग बच्चे की इनकम उस माता-पिता की इनकम में जोड़ी जाएगी जिसकी कुल इनकम अधिक है. हालांकि, यदि बच्चा किसी भी वजह से कोई इनकम पाता है तो उसे क्लबिंग के दायरे से छूट मिल सकती है. ऐसी ही छूट पत्नी को मिल सकती है अगर वो स्वतंत्र रूप से कोई इनकम पाती है.
सेक्शन 64(2): HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) से होने वाली इनकम
यदि कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत संपत्ति को HUF में बदल देता है या इसे बिना उचित पेमेंट के HUF को ट्रांसफर करता है, तो उस संपत्ति से होने वाली इनकम को व्यक्ति की इनकम में जोड़ा जाएगा.