NPCI ने दिया 3 प्वाइंट फॉर्मूला, फॉलो कर लिया तो डिजिटल अरेस्ट में नहीं फंसेंगे
अब तक भारतीयों ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के कारण 120.3 करोड़ रुपये गंवाए हैं. अब इसी को लेकर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एडवाइजरी जारी की है. NPCI ने जारी किए एडवाइजरी में डिजिटल अरेस्ट का शिकार न होने को लेकर टिप्स दिए हैं.
डिजिटल अरेस्ट के मामलों में पिछले कुछ समय में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है. इससे लोगों के करोड़ों का नुकसान भी हो चुका है. हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात के एक एपिसोड में बताया कि भारतीयों ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के कारण 120.3 करोड़ रुपये गंवाए हैं. अब इसी को लेकर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एडवाइजरी जारी की है. NPCI ने जारी किए एडवाइजरी में डिजिटल अरेस्ट का शिकार न होने को लेकर टिप्स दिए हैं.
NPCI ने बताया कि डिजिटल पेमेंट की पहुंच अब देश के हर कोने तक हो गई है. गांव से लेकर शहर तक के लोगों, पेमेंट के लिए डिजिटल पेमेंट का सहारा ले रहे हैं. इससे कई प्रकार की सुविधाएं मिलती है. इस सिस्टम ने यूजर्स की सिक्योरिटी को भी काफी हद तक मजबूत किया है. लेकिन बढ़ते इस्तेमाल के साथ इस तकनीक की मदद से होने वाले फ्रॉड की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. एडवाइजरी जानने से पहले ये जानते हैं कि डिजिटल अरेस्ट होता क्या है.
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
साइबर क्राइम और ऑनलाइन स्कैम की दुनिया में डिजिटल अरेस्ट एक नया नाम बनकर उभरा है. इस स्कैम के तहत स्कैमर्स खुद को पुलिस और दूसरे सरकारी विभाग के अधिकारी बताकर लोगों को भरोसा दिलाते हैं. उसके बाद उन्हें यकीन दिलाया जाता है कि उनके साथ फाइनेंशियल क्राइम हुई है. ज्यादातर मामलों में वीडियो कॉल के जरिये एक पुलिस की वर्दी में शख्स बैठता है और तमाम कानूनी दांवपेच के आधार पर सामने बैठे व्यक्ति को दोषी ठहराने की कोशिश करता है. इसी डर में लोगों के साथ स्कैमर्स पैसों की ठगी कर देते हैं. इसी माहौल को डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है.
NPCI ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट कैसे होता है
- सरकारी अधिकारियों के नाम से फोन कॉल
- डराने-धमकाने वाली भाषा और जल्दबाजी में काम करना
- निजी जानकारी और पैसों का डिमांड करना
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए क्या करें?
- खुद को अधिकारी होने का दावा करने वाले व्यक्तियों से आने वाले किसी भी अननोन कॉल या संदिग्ध को सावधानी से लें. किसी भी तरह की जानकारी देने से पहले सामने वाली शख्स को वेरीफाई जरूर करें.
- वाट्सएप, फेसबुक या इंस्टाग्राम के जरिये आने वाले किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज का कोई जवाब न दें. कोई भी सरकारी विभाग किसी जानकारी या सूचना के लिए सोशल मीडिया पर संपर्क नहीं करती है.
- किसी वजह से अगर आपने फोन उठा लिया है तब परेशान न हों. बस इस बात का ध्यान रखें कि आपको अपनी किसी भी निजी जानकारी को शेयर नहीं करना है. आप फोन को काट भी सकते हैं.