सोना बेचने से पहले जान लें “गोल्ड एक्सचेंज रेट” क्या होता है, कैसे होती है इसकी कैलकुलेशन?
अगर आप पुराने गहनों को बेचने या एक्सचेंज करने की सोच रहे हैं, तो "गोल्ड एक्सचेंज रेट" को समझना बेहद जरूरी है. यह दर तय करती है कि आपके पुराने सोने की कीमत कितनी मिलेगी. इसमें सोने की शुद्धता, वजन और उस दिन के लाइव गोल्ड रेट को ध्यान में रखा जाता है. आइए समझते हैं.

Gold Exchange Rate: सोना सिर्फ गहनों के लिए नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर एक अच्छा निवेश के तरीके के तौर पर भी साबित होता है. कई बार लोग पुराने गहनों को बेचकर या एक्सचेंज कर नए गहने बनवाते हैं. लेकिन सोने की कीमत अधिक होने के बावजूद लोगों को उनके पुराने सोने के बदले कम पैसे मिलते हैं.यानी उनका एक्सचेंज कम होता है. ऐसे में आपको यह जानना जरूरी है कि गोल्ड एक्सचेंज रेट क्या होता है और इससे आपको क्या फायदा या नुकसान हो सकता है. साथ ही यह भी समझना होगा कि आखिर ये रेट तय कैसे किया जाता है.
क्या होता है गोल्ड एक्सचेंज रेट?
गोल्ड एक्सचेंज रेट वह दर होती है जिस पर कोई ज्वैलर आपके पुराने सोने को लेकर उसकी कीमत तय करता है. यह रेट रोज बदलता है और यह उस दिन के लाइव गोल्ड रेट, सोने की शुद्धता (purity), और वजन (weight) पर निर्भर करता है.
कैसे होती है कैलकुलेशन?
मान लीजिए आपने एक पुराना सोने का हार एक्सचेंज करना है जिसका वजन है 10 ग्राम और शुद्धता है 22 कैरेट है. आज का 22 कैरेट गोल्ड रेट 92,900 रुपये प्रति 10 ग्राम है. इस आधार पर एक्सचेंज रेट का कैलकुलेशन होता है. इसके लिए फार्मूला है, आइए समझते हैं.
(24K गोल्ड रेट प्रति ग्राम x प्योरिटी की फीसदी) x सोने का वजन
अब इसको उदाहरण के साथ समझते हैं-
मौजूदा सोने के भाव के आधार पर आज अगर कोई व्यक्ति 10 ग्राम (22 कैरेट जिसकी प्योरिटी 91.6 है) सोने को बेचने जाता है तब वह कितने में बिकता है. वह समझते हैं-
(10,150 x 91.6 फीसदी) x 10 = 93,014
यानि आपका पुराना हार 93,014 के बराबर माना जाएगा. लेकिन इसमें से ज्वैलर मेल्टिंग चार्ज, प्योरिटी टेस्टिंग फीस, और मेकिंग चार्ज काट सकता है, जो लगभग 5 फीसदी से 10 फीसदी तक हो सकता है.
अगर 8 फीसदी चार्ज कटता है तब-
93,014 रुपये – 7,448 रुपये (8 फीसदी) = 90,566 रुपये. अब इस 90,566 रुपये की कीमत पर आप नया गहना बनवा सकते हैं या इसे कैश में बदल सकते हैं. ये आपकी मर्जी.
क्यों है यह रेट जरूरी?
गोल्ड एक्सचेंज रेट पारदर्शिता लाता है और आपको सही कीमत दिलाने में मदद करता है. यह दर सरकार, अंतरराष्ट्रीय बाजार, और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति पर भी निर्भर करती है.
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