होम लोन इंश्योरेंस और होम इंश्योरेंस में क्या होता है अंतर, पैसा देते समय न करें ये गलतियां
होम इंश्योरेंस और होम लोन इंश्योरेंस में अंतर समझना जरूरी है. होम इंश्योरेंस घर की संरचना और उसमें रखी चीजों को प्राकृतिक आपदाओं से बचाता है, जबकि होम लोन इंश्योरेंस होम लोन की पे ऑफ न होने पर सुरक्षा देता है. IRDAI और RBI ने इन्हें अनिवार्य नहीं किया है, लेकिन जरूरत के अनुसार फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
Home Insurance vs Home Loan Insurance: घर के लिए बीमा खरीदना एक बड़ा सवाल है. आम आदमी के लिए यह एक अहम फैसला होता है. लेकिन जानकारी के अभाव में लोग गलत फैसला ले लेते हैं. अक्सर लोग होम लोन इंश्योरेंस और होम इंश्योरेंस को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग चीजें हैं और यह समझना जरूरी है. ऐसा न होने पर कई बार इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी में एड-ऑन के जरिए अतिरिक्त लाभ देकर प्रीमियम बढ़ा देती हैं. इसलिए पॉलिसी खरीदते समय इसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ें. जिससे आगे क्लेम लेते समय आपको कोई परेशानी का सामना न करना पड़े..
होम इंश्योरेंस क्या है?
IRDAI ने 1 अप्रैल 2021 से सभी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को ‘भारत गृह रक्षा’ नाम से एक स्टैंडर्ड होम इंश्योरेंस पॉलिसी देने का निर्देश दिया है. यह पॉलिसी घर की स्ट्रक्चर और उसमें रखी चीजों को आग, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाती है.
होम इंश्योरेंस में तीन प्रकार की कवरेज शामिल होती हैं जिसमें बिल्डिंग स्ट्रक्चर, घर की चीजें और वैकल्पिक कवर शामिल होते हैं. वैकल्पिक कवर में ज्वेलरी, सिल्वरवेयर, पेंटिंग्स आदि को शामिल किया जा सकता है, जिसके लिए अतिरिक्त प्रीमियम चुकाना होता है. यदि किसी दुर्घटना के दौरान घर को नुकसान पहुंचने के साथ बीमाधारक या उसके जीवनसाथी की मृत्यु हो जाती है, तो पॉलिसी में पर्सनल एक्सीडेंट कवर का भी प्रावधान होता है.
होम लोन इंश्योरेंस क्या है?
अगर किसी कारणवश होम लोन कस्टमर ईएमआई चुकाने में असमर्थ होता है, तो होम लोन इंश्योरेंस मददगार साबित होता है. जैसे अगर किसी ने 30 साल के लिए लोन लिया और इस अवधि में उसकी मृत्यु हो गई, तो बाकी का लोन बीमा कंपनी चुकाएगी, जिससे परिवार पर ईएमआई का बोझ नहीं पड़ता.
होम लोन इंश्योरेंस में भी तीन प्रकार की कवरेज दी जाती हैं जिसमें मृत्यु, गंभीर बीमारी और नौकरी छूटना या इनकम का नुकसान, अगर बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है या गंभीर बीमारी से वह काम करने में असमर्थ हो जाता है या नौकरी खो देता है, तो यह बीमा पॉलिसी बकाया लोन का भुगतान करने में मदद करती है. इससे परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता.
कौन खरीद सकता है?
- होम इंश्योरेंस: घर का मालिक ही घर की स्ट्रक्चर का इंश्योरेंस ले सकता है, लेकिन किराएदार घर में रखी चीजों का इंश्योरेंस ले सकता है.
- होम लोन इंश्योरेंस: सिर्फ वही ले सकता है जिसने होम लोन लिया है.
प्रीमियम की तुलना
- होम लोन इंश्योरेंस का प्रीमियम होम इंश्योरेंस से ज्यादा होता है.
- होम लोन इंश्योरेंस डाउन पेमेंट को कम करने में मदद करता है, जबकि होम इंश्योरेंस का डाउन पेमेंट पर कोई असर नहीं होता.
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क्या ये अनिवार्य हैं?
IRDAI और RBI ने किसी भी प्रकार के होम इंश्योरेंस को अनिवार्य नहीं किया है. ये दोनों पॉलिसियां अनिवार्य नहीं हैं, लेकिन सही समय पर दावा करने पर ये फायदेमंद साबित हो सकती हैं.