सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम हो गई बंद, अब यहां निवेश का मौका, जानें क्या है प्रॉसेस
SGB तो बंद हो चुका है, लेकिन अगर आप गोल्ड में निवेश करना पसंद करते हैं तो आपके पास अभी भी कई ऑप्शन हैं. आज हम आपको गोल्ड में इंवेस्ट करने के लिए अलग-अलग इंवेस्टमेंट टूल्स के बारे में बताएंगे.

Sovereign Gold Bond Scheme Alternate Options: आज के समय में गोल्ड में निवेश करना सबसे बेहतर ऑप्शन माना जाता है. क्योंकि बाकी जगहों पर इन्वेस्टमेंट के मुकाबले इसमें रिस्क भी कम होता है और रिटर्न भी ज्यादा मिलता है. गोल्ड के इंपोर्ट को कम करने और देश के इन्वेस्टर्स को गोल्ड में निवेश का मौका देने के लिए सरकार ने साल 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम शुरू किया. लेकिन अब सरकार ने इसे बंद कर दिया है.
एसजीबी, आरबीआई द्वारा जारी किया जाने वाला इन्वेस्टर्स के लिए शानदार इन्वेस्टमेंट टूल था. इसमें निवेश करने वालों को दो फायदे मिलते थे. पहला, निवेशक को मैच्योरिटी के समय गोल्ड की कीमत के हिसाब से वैल्यू मिलती थी. वहीं दूसरी तरफ, निवेश की गई राशि पर 2.5 फीसदी का अतिरिक्त इंटरेस्ट मिलता था. लेकिन इसके बंद हो जाने से निवेशकों को इन्वेस्टमेंट का इतना बेहतर प्लेटफॉर्म बंद हो गया. हालांकि, आज हम आपको इसके बंद होने के बाद भी कुछ ऐसे ऑप्शन के बारे में बताएंगे जिसमें आप ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं.
Gold ETFs (Exchange Traded Funds)
गोल्ड ईटीएफ एक तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम है, जिसमें आपका पैसा फिजिकल गोल्ड में निवेश किया जाता है. गोल्ड ईटीएफ को एक्सचेंज पर खरीदा और बेचा जा सकता है. यह पूरी तरह से गोल्ड की कीमतों पर आधारित होता है. यानी, अगर गोल्ड का भाव बढ़ेगा या घटेगा तो आपके निवेश में भी उतार-चढ़ाव होगा. इसका फायदा यह है कि गोल्ड में निवेश करने के लिए आपको फिजिकली गोल्ड रखने की जरूरत नहीं होगी. आपके निवेश किए पैसे मार्केट रेट के हिसाब से बदलते रहेंगे. इसकी लिक्विडिटी काफी आसान होती है और इससे ट्रेड करने में भी आसानी होती है. हालांकि, इसमें थोड़ा रिस्क भी होता है। गोल्ड ईटीएफ की खरीद पर 0.5 फीसदी या इससे कम का ब्रोकरेज चार्ज लगता है.
Gold Mutual Funds
इंडियन इन्वेस्टर्स के पास गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds) में भी इन्वेस्ट करने का बेहतरीन ऑप्शन है. यह एक तरह का ओपन-एंडेड फंड है, जो गोल्ड और गोल्ड( GOLD) से संबंधित एसेट्स में निवेश करता है. इसमें सोने की खनन करने वाली कंपनियों के शेयर या फिर गोल्ड से जुड़ी अन्य वस्तुएं शामिल होती हैं. इसका फायदा यह होता है कि यह लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का बेहतर ऑप्शन है. हालांकि, इसके कुछ रिस्क भी हैं, जैसे गोल्ड माइनिंग कंपनियों के स्टॉक्स में होने वाले उतार-चढ़ाव से मार्केट में फ्लक्चुएशन आ सकता है. इसमें फंड को मैनेज करने के लिए फंड मैनेजमेंट फीस भी लगती है.
फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड यानी कि आप अपने पैसे को ज्वेलरी, गोल्ड कॉइन या गोल्ड ब्रिक्स के रूप में निवेश करना. अगर आप गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं, तो आप गोल्ड कॉइन, गोल्ड ब्रिक्स या फिर ज्वेलरी में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसका फायदा यह है कि यह एक टैंजिबल एसेट के रूप में काम करता है. हालांकि, इसके कुछ रिस्क भी हैं, जैसे इसे स्टोर करके रखना, क्योंकि इसे घर पर रखने पर चोरी का डर रहता है. इसकी लिक्विडिटी भी काफी कम होती है.
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