वॉरेन बफे को नहीं पसंद है गोल्ड, जानें क्यों दिग्गज निवेशक नहीं लगाते हैं पैसा
Warren Buffett जैसे दिग्गज निवेशक सोने में निवेश को लेकर कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं. भले ही सोना हर दिन और हर तरफ रिकॉर्ड बना रहा है फिर भी दिग्गज इंवेस्ट वॉरेन बफे को इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. उनका मनना है इसमें तर्क से नहीं डर की वजह से निवेश होता है. जानें बफे का क्या कहना है...

What did Warren Buffett say about investing in gold?: सोना सदाबहार है. आजकल इसकी कीमतें हर दिन नया रिकॉर्ड बना रही हैं. भारत में भी कीमतें बढ़ रही है और इंटरनेशनल बाजार में भी सोना 3 हजार डॉलर के ऊपर है. लेकिन ये शख्स जो दिग्गज निवेशक है, जिसके निवेश मंत्र को हर कोई अपनाता है- वह सोने में निवेश को लेकर अलग ही राय रखता है. हम बात Warren Buffett की कर रहे हैं. दुनिया के सबसे बड़े और जाने-माने निवेशकों में से वॉरेन बफे को गोल्ड में कभी दिलचस्पी नहीं रही और शायद कभी होगी भी नहीं. चलिए जानते हैं क्यों?
वॉरेन बफे के निवेश का अपना एक तरीका है. यही वजह है कि उन्हें गोल्ड में निवेश पसंद नहीं आता. दरअसल सोना उनके इंवेस्टमेंट के तरीके से मेल नहीं खाता. बफे एक ऐसे इंवेस्टर हैं जो ऐसी संपत्तियां ढूंढ़ते हैं जो अपनी असली कीमत से कम में मिल रही हो और उम्मीद करते हैं कि एक दिन मार्केट उसकी सही वैल्यू समझेगा. लेकिन सोना उनके लिए कोई बहुत अच्छी संपत्ति नहीं है.
क्या कहते हैं बफे
वॉरेन बफे का कहना है कि, “स्टॉक्स ऐसे एसेट्स हैं जो आपको प्रॉफिट और डिविडेंड कमा कर देते हैं- जिनके पीछे कोई कंपनी होती है जो सामान या सर्विस बेचती हैं लेकिन सोना… बस पड़ा रहता है. ना वो ग्रो करता है, ना इनोवेट करता है, ना कुछ कमाई देता है.”
यहां तक कि उन्होंने सिल्वर को भी सोने से बेहतर बताया क्योंकि उसका इंडस्ट्रियल इस्तेमाल है जैसे कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में होता है. लेकिन सोना सिर्फ चमकदार और बस सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला धातु है.
बफे ने 2011 में दिया था ये उदाहरण
बफे ने 2011 में अपने शेयरहोल्डर्स को एक बहुत ही आसान उदाहरण देकर समझाया था, मान लो दुनिया भर का सारा सोना मिलाकर एक बहुत बड़ा क्यूब बना लिया जाए – इसका वजन करीब 1,70,000 मेट्रिक टन होगा और कीमत करीब 9.6 लाख करोड़ डॉलर होगी. अब सोचो, इसी पैसों से आप क्या खरीद सकते हो- पूरे अमेरिका का फार्मलैंड (जो 400 मिलियन एकड़ में फैला है जिससे हर साल 20,000 करोड़ की कमाई होती है), 16 ExxonMobil जैसी बड़ी कंपनियां, और फिर भी आपके पास 1 लाख करोड़ डॉलर कैश बच जाएगा.
उन्होंने आगे बताया कि, अब 100 साल बाद क्या होगा? फार्मलैंड ढेर सारी फसलें उगाएगा, ExxonMobil ट्रिलियंस के डिविडेंड्स देगी… और वो गोल्ड का क्यूब? बस वैसे का वैसा पड़ा रहेगा. ना कुछ बनाएगा, ना कमाएगा. इसलिए बफे गोल्ड को निवेश के तौर पर नहीं मानते, क्योंकि वो कुछ भी “बनाता” नहीं है. स्टॉक्स कमाई कर सकते हैं, खेती की जमीन फल-सब्जी देती है, लेकिन गोल्ड बस रुका रहता है जब तक कोई उसे ज्यादा पैसे में खरीदने ना आए.
उन्होंने यह भी कहा कि, “लोग गोल्ड में अक्सर डर की वजह से निवेश करते हैं, तर्क की वजह से नहीं.”
उन्होंने बताया कि, जैसे जब 2020 में कोविड आया, या 2022 में रूस-यूक्रेन का युद्ध हुआ – तब लोगों ने डर में आकर गोल्ड खरीदा. इसलिए उसकी वैल्यू बढ़ती गई. लेकिन लोग इन शॉर्ट टर्म गेन पर ज्यादा ध्यान देते हैं, ना कि लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस पर.
तो गोल्ड में निवेश नहीं करना है?
अब बफे ने गोल्ड के खिलाफ इतना कुछ कह दिया तो क्या इसका मतलब ये है कि लोगों को भी गोल्ड में निवेश नहीं करना चाहिए? लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है. गोल्ड पूरी तरह बेकार भी नहीं है. ये महंगाई के खिलाफ एक अच्छा ‘हेज’ हो सकता है, पर ये कोई परफेक्ट विकल्प नहीं है. तो अगर आप अपने पोर्टफोलियो में थोड़ा सा गोल्ड शामिल करते हैं, तो कोई बुरा आइडिया नहीं है क्योंकि हर फाइनेंशियल एक्सपर्ट में इसमें कुछ निवेश की सलाह देते हैं.
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