शादी के बाद वसीयत हो जाती है कैंसल? हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके लिए अलग-अलग नियम
Rules for Will: शादी के बाद वसीयत पर क्या असर पड़ता है, यही हम आपको बताएंगे. यह आपके धर्म पर निर्भर करता है कि वसीयत पर क्या असर पड़ेगा, वो जारी रहेगी या रद्द हो जाएगी. अब अगर आप हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म से हैं तो नियम अलग हैं और अगर आप मुस्लिम, ईसाई, यहूदी और पारसी धर्म से हैं तो नियम अलग. यहां अपनी उलझन दूर करें.

Will After Marriage: क्या आप जानते हैं आपकी वसीयत (Will) पर शादी का क्या असर पड़ता है? क्या शादी करने के बाद वसीयत रद्द हो जाती है? ऐसे कई सवाल हैं. लेकिन इनके जवाब अलग-अलग हैं क्योंकि वसीयत से जुड़े नियम हर धर्म के लिए अलग-अलग हैं. अगर आप हिंदू, बौद्ध, सिख या जैन हैं, तो वसीयत पर अलग असर होगा वहीं अगर आप मुस्लिम, ईसाई, यहूदी या पारसी हैं, तो नियम पूरी तरह से बदल जाते हैं. चलिए जानते हैं अलग-अलग धर्मों में शादी के बाद वसीयत के नियम क्या हैं और किन परिस्थितियों में आपको नई वसीयत बनाने की जरूरत पड़ सकती है.
ये तो साफ है कि शादी का वसीयत पर क्या असर पड़ेगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस धर्म को मानते हैं. हर धर्म में क्या नियम है, ये बताते हैं. लेकिन इसे पढ़ते समय ये ध्यान रखें कि यह जानकारी उत्तराखंड या किसी ऐसे राज्य पर लागू नहीं होती जहां वसीयत और उत्तराधिकार के लिए और अलग कानून है.
हालांकि यहां जो वसीयत कैंसल होने की बात की जा रही है वो खुद की बनाई वसीयत को लेकर है जो कैंसल होगी. अगर किसी और ने आपका नाम वसीयत में लिखा है तो वो आपको मिलेगी ही फिर भले ही आप किसी भी धर्म में शादी कर रहे हों.
हिंदू, बौद्ध, सिख और जैन धर्म के लिए नियम
अगर आप हिंदू, बौद्ध, सिख या जैन हैं, तो भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम, 1925 के अनुसार शादी के बाद आपकी वसीयत रद्द नहीं होगी.
अगर आपने किसी अलग धर्म के व्यक्ति से शादी की है और वह शादी स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत रजिस्टर्ड हुई है, तब भी आपकी पुरानी वसीयत ही जारी रहेगी. दूसरे धर्मों के लिए यह नियम अलग है.
लेकिन, अगर आपने किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से शादी की है, तो बेहतर होगा कि आप शादी के बाद एक नई वसीयत बना लें, ताकि भविष्य में कोई कानूनी उलझन न हो.
मुस्लिम धर्म के लिए क्या नियम हैं?
अगर आप मुस्लिम हैं, तो आपकी वसीयत मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत आती है और भारतीय उत्तराधिकार कानून लागू नहीं होता. इसलिए, शादी के बाद भी वसीयत रद्द नहीं होगी.
हालांकि, अगर आपकी शादी किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से हुई है और वह स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर है, तो वसीयत पर मुस्लिम पर्सनल लॉ नहीं बल्कि भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम लागू होगा. ऐसे में शादी के बाद वसीयत रद्द हो जाएगी.
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ईसाई, यहूदी और पारसी धर्म के लिए क्या नियम हैं?
अगर आप ईसाई, यहूदी या पारसी हैं, तो शादी होते ही आपकी वसीयत रद्द हो जाएगी. इसलिए, आपको शादी के बाद एक नई वसीयत बनानी चाहिए.
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