रेपो रेट में कटौती के बाद क्या कम होगी आपकी EMI? समझ लीजिए लोन से जुड़ी ये जरूरी बातें
RBI Repo Rate: होम लोन लेने वालों के लिए 2025 एक बेहतरीन साल साबित होने वाला है. पिछले दो महीनों में रिजर्व बैंक ने रेपो में कुल 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. इस कटौती के बाद लोन की ब्याज दर में गिरावट आएगी.
RBI Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को एक बार फिर रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट (BPS) की कटौती की है, जिससे होम लोन की EMI में कमी आने की उम्मीद है. पिछले दो महीनों में रिजर्व बैंक ने रेपो में कुल 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है. फरवरी में रिजर्व बैंक ने बेंचमार्क रेट को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था. इसलिए, MCLR और EBLR से जुड़ी होम लोन की ब्याज दरें घटने की संभावना है. एक अक्टूबर 2019 से पहले फ्लोटिंग-रेट होम लोन MCLR यानी उधार दरें मार्जिनल कॉस्ट से जुड़ी थीं.
कैसे कम-ज्यादा होती हैं ब्याज दरें?
इसका मतलब है कि होम लोन पर ब्याज दरें, डिपॉजिट रेट, रेपो रेट, ऑपरेशनल कॉस्ट और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को बनाए रखने की लागत के आधार पर ऊपर या नीचे की जाती हैं. एक अक्टूबर 2019 से फ्लोटिंग-रेट होम लोन बाहरी बेंचमार्क से जुड़े हुए हैं, जिसमें रेपो रेट सबसे आम है. अन्य बेंचमार्क जिनसे फ्लोटिंग-रेट होम लोन को जोड़ा जा सकता है, वे ट्रेजरी बिल यील्ड और अन्य बेंचमार्क हैं.
अगर आपका होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क रेट और मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) से जुड़ा है, तो आपकी EMI कम हो सकती है.
बैंक के ऊपर निर्भर है कटौती
रिजर्व बैंक ने पिछली दो मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठकों में रेपो रेट में कुल 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है, लेकिन इस कटौती का कितना हिस्सा उपभोक्ता तक पहुंचेगा, यह साफ नहीं है. बैंक यह तय कर सकते हैं कि इस कटौती का कितना लाभ उपभोक्ता तक पहुंचाया जा सकता है. हालांकि, भले ही बैंक 50 बेसिस प्वाइंट का पूरा फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचे, लेकिन इसका कुछ हिस्सा तो जरूर ही पहुंचेगा.
ऐसे लोन की कम नहीं होगी EMI
इस कटौती के बाद फिक्स्ड ब्याज दर वाले अन्य सभी लोन में स्वाभाविक रूप से गिरावट नहीं आएगी. इनमें आम तौर पर पर्सनल लोन शामिल होते हैं, जो रेपो रेट में उतार-चढ़ाव से अछूते रहते हैं. ये आम तौर पर फिक्स्ड ब्याज दर पर दिए जाने वाले शॉर्ट टर्म लोन होते हैं.
होम लोन लेने वालों के लिए 2025 एक बेहतरीन साल साबित होने वाला है. होम लोन लेने वाले, खास तौर पर फ्लोटिंग-रेट होम लोन वालों को आने वाले दिनों में अपनी EMI में कमी देखने को मिलेगी. बैंक रेपो रेट में कटैती का लाभ ग्राहकों देना शुरू करेंगे.
होम लोन EBLR से जुड़ा हो तो…
RBI द्वारा भविष्य में दरों में की जाने वाली कटौती यह तय करेगी कि उधारकर्ताओं के लिए भविष्य में EMI कितनी जल्दी कम होगी. उधार दरों के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क पर RBI के सर्कुलर में कहा गया है कि ब्याज दरों को तीन महीने में एक बार रीसेट किया जाएगा. इसलिए, अगर आपके बैंक ने अभी भी फरवरी 2025 की अंतिम दर कटौती के बारे में सूचित नहीं किया है, तो मई 2025 तक इसकी सूचना दे देनी चाहिए.
अक्टूबर 2019 से पहले, बैंक MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट), बेस रेट या BPLR जैसी अन्य उधार व्यवस्थाओं से जुड़े होम लोन, ऑटो लोन आदि ऑफर कर रहे थे. अगर आपका मौजूदा लोन ऐसी ही किसी उधार व्यवस्था से जुड़ा है, तो आपके लिए EBLR बेस्ड उधार व्यवस्था में स्विच करना जरूरी है.
यह भी पढ़ें: FD से ज्यादा ब्याज कमाने का आखिरी मौका! RBI के कर्ज सस्ता करने से होगा नुकसान