फ्लोटिंग से फिक्स्ड ब्याज दर पर स्विच कर सकेंगे पर्सनल लोन, RBI ने दी बड़ी जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ब्याज दरों की रीसेटिंग करते समय उधारकर्ताओं को पर्सनल लोन की ब्याज दर को फ्लोटिंग से फिक्स्ड में बदलने का ऑप्शन दें.
अगर आप पर्सनल लोन ( Personal Loan) लेने का विचार बना रहे हैं या पहले से लिया है, तो RBI का यह निर्देश आपके लिए जानना जरूरी है. भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि, वे ब्याज दरों को रीसेटिंग करते समय उधारकर्ताओं को पर्सनल लोन की ब्याज दर को फ्लोटिंग से फिक्स्ड में बदलने का ऑप्शन दें. उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति ने बैंक से 11% फ्लोटिंग रेट पर पर्सनल लोन लिया है और छह महीने बाद बैंक उस लोन पर ब्याज दर बढ़ाकर 12% करने का प्रस्ताव रखता है, तो बैंक को उस व्यक्ति से पूछना पड़ेगा कि क्या वह भविष्य में अपने लोन की ब्याज दर को फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट में बदलना चाहते हैं. इसके बाद ही वो फ्लोटिंग ब्याज दर में इजाफा कर सकते हैं.
RBI ने क्या दिया निर्देश ?
आरबीआई ने अपने निर्देश में बताया है कि बैंकों को सभी EMI आधारित पर्सनल लोन की श्रेणी में निश्चित ब्याज दर का ऑप्शन देना अनिवार्य है. फ्लोटिंग ब्याज दर का विकल्प चुनने वाले उधारकर्ताओं को ब्याज दर रीसेट के समय फिक्स्ड दर पर स्विच करने का विकल्प मिलना चाहिए. हालांकि, बैंक इस स्विचिंग के लिए चार्ज ले सकते हैं.
उधारकर्ताओं को मिलने चाहिए ये ऑप्शन
- उधारकर्ताओं को ईएमआई राशि बढ़ाने का विकल्प देना चाहिए.
- उधारकर्ता अपनी ईएमआई अपरिवर्तित भी रख सकते हैं.
- दोनों विकल्पों का लाभ भी उठाया जा सकता है.
फिक्स्ड रेट पर स्विचिंग
बैंकों को उधारकर्ताओं को बाकी बची हुई ईएमआई के लिए फिक्स्ड ब्याज दर पर स्विच करने की अनुमति देनी चाहिए.
प्रीपेमेंट की सुविधा
पर्सनल लोन की अवधि के दौरान किसी भी समय आंशिक या पूर्ण ऋण का पूर्व भुगतान करने का विकल्प देना जरूरी है.
फ्लोटिंग रेट और फिक्स्ड रेट क्या हैं?
फिक्स्ड ब्याज दर में ब्याज दर पूरी लोन अवधि के लिए एक तय दर पर रहती है. जबकि फ्लोटिंग ब्याज दर में ब्याज दर बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है. यह कभी फिक्स्ड ब्याज दर से 1-3% कम हो सकती है, तो कभी ज्यादा भी हो सकती है.
इसे भी पढ़ें- जुकरबर्ग बोले भूल जाइए स्मार्टफोन, मोबाइल की जगह लेगा ये डिवाइस
ये निर्देश किन पर लागू होते हैं?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि ये नियम सभी तरह की ईएमआई वाले पर्सनल लोन पर लागू होते हैं, चाहे वे किसी भी ब्याज दर (बाहरी या आंतरिक) से जुड़े हों. ये निर्देश नए और पुराने, दोनों तरह के लोन पर लागू होंगे.