युजवेंद्र से मिले 4.75 करोड़ पर कितना टैक्स देंगी धनश्री, जानकर आपको नहीं होगा यकीन

बांद्रा के फैमिली कोर्ट ने मशहूर भारतीय क्रिकेटर और स्पिन गेंदबाज युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री वर्मा के तलाक को मंजूरी दे दी है. एलिमनी के रूप में चहल धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये देंगे. अब यह जानना जरूरी है कि एलिमनी कितने प्रकार का होता है और इसकी राशि किन आधारों पर तय की जाती है. साथ ही, यदि तलाक के बाद किसी को संपत्ति मिलती है, तो उस पर टैक्स देना होता है या नहीं.

युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा Image Credit: money9live.com

Chahal Dhanashree Divorce: भारतीय क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी, लेकिन अब उनका तलाक हो गया है. दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चलने की खबरें काफी समय से आ रही थीं, और अब बांद्रा के फैमिली कोर्ट ने तलाक को मंजूरी दे दी है. तलाक के बाद एलिमनी के रूप में चहल, धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये देंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, चहल ने आधी राशि पहले ही दे दी है और बाकी जल्द देंगे. अब सवाल उठता है कि एलिमनी कितने प्रकार की होती है और इस पर कितना टैक्स लगता है? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं.

कैसे तय होती है एलिमनी

एलिमनी तय करने के कई आधार होते हैं, जिनके आधार पर अदालत राशि निर्धारित करती है:

  • संपत्ति और आय: पति और पत्नी के पास मौजूद संपत्ति, आय के स्रोत और उनकी आर्थिक स्थिति.
  • शादी की टाइम: शादी कितने समय तक चली.
  • उम्र, स्वास्थ्य और जीवनशैली: दोनों पक्षों की उम्र, स्वास्थ्य, सामाजिक स्थिति और जीवनशैली.
  • आश्रित: दोनों पक्षों पर आश्रित (जैसे बच्चे या बुजुर्ग) हैं या नहीं.
  • बच्चों की जरूरतें: बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण से जुड़े खर्च.
  • कर्ज: किसी भी तरह का कर्ज या देनदारी.

एलिमनी के प्रकार

अदालत विभिन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एलिमनी की रकम तय करती है. एलिमनी मुख्य रूप से निम्न प्रकार की होती है:

  • Separation Alimony: यह तब दी जाती है जब पति-पत्नी अलग हो जाते हैं, लेकिन तलाक नहीं हुआ होता.
  • Permanent Alimony: यह जीवनभर मिलती है, जब तक कि पाने वाला पक्ष दोबारा शादी न कर ले या उसकी मृत्यु न हो जाए.
  • Rehabilitative Alimony: जब पति या पत्नी आत्मनिर्भर न हों, तो यह दी जाती है ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.
  • Reimbursement Alimony: यह तब दी जाती है जब एक पक्ष ने दूसरे की शिक्षा या नौकरी के लिए धन खर्च किया हो.
  • Lump Sum Alimony: यह एक बार में दी जाने वाली राशि होती है.

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एलिमनी पर टैक्स नियम

गुजारा भत्ते पर टैक्स भुगतान के तरीके पर निर्भर करता है:

  • एकमुश्त भुगतान (Lump Sum Payment): अगर पूरी राशि एक बार में दी जाती है, तो इसे पूंजीगत प्राप्ति (Capital Receipt) माना जाता है, जो कर मुक्त (Tax-Free) होती है. अभी तक जो जानकारी आई है, उसके आधार पर धनश्री एक मुश्त रकम पाएंगी. ऐसे में उन पर टैक्स देनदारी नहीं बनेगी.
  • मासिक भुगतान (Recurring Payment): अगर एलिमनी नियमित अंतराल (जैसे महीने में एक बार) पर दी जाती है, तो इसे आय (Income) माना जाता है और यह कर योग्य (Taxable) होती है. इनकम के आधार पर टैक्स स्लैब और रेट तय होते हैं.

संपत्ति हस्तांतरण पर टैक्स नियम

  • तलाक से पहले: अगर पति-पत्नी के बीच तलाक से पहले कोई संपत्ति (जैसे घर, जमीन, शेयर आदि) हस्तांतरित होती है, तो यह कर मुक्त होती है.
  • तलाक के बाद: तलाक के बाद दी गई संपत्ति कर योग्य होती है.

संपत्ति से होने वाली आय:

  • तलाक से पहले: देने वाले की आय में जोड़ी जाएगी.
  • तलाक के बाद: प्राप्तकर्ता की आय में जोड़ी जाएगी और टैक्स योग्य होगी.