50 लाख की FD पर जीरो टैक्स, जानें नया नियम और कैलकुलेशन; इन्हें होगा फायदा

50 लाख रुपये तक की FD/RD पर कोई TDS, ITR या टैक्स नहीं लगेगा, यदि कुल आय 4 लाख रुपये से कम हो. FD पर 10 फीसदी TDS कटता है, लेकिन Form 15G/15H से बचा जा सकता है. 10 लाख रुपे से अधिक की FD रिपोर्टिंग जरूरी होगी.

50 लाख रुपये तक की FD/RD पर कोई TDS, ITR या टैक्स नहीं लगेगा Image Credit: GETTY IMAGE

Zero tax on FD of Rs 50 lakh: अगर आपके पास 50 लाख रुपये की FD है, तो आपको कोई टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी. नई टैक्स रिजीम के तहत 4 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है. इस हिसाब से, 50 लाख रुपये की FD पर अगर औसत 7 फीसदी के ब्याज दर से इनकम 4 लाख रुपये से कम रहेगा, इसलिए कोई टैक्स नहीं लगेगा और ITR फाइल करने की जरूरत भी नहीं होगी. हालांकि, यह छूट तभी मिलेगी जब आपकी पूरी इनकम केवल FD के ब्याज से हो और यह 4 लाख रुपये से ज्यादा न हो.

क्या है नियम?

यदि किसी व्यक्ति ने 50 लाख तक रुपय की FD, Recurring Deposit (RD) या अन्य बैंक डिपॉजिट किए हैं, तो उसे *TDS कटौती का सामना नहीं करना पड़ेगा, ITR फाइल करने की आवश्यकता नहीं होगी, और ब्याज आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. यह छूट तब लागू होगी जब उसकी कुल आय 4 लाख रुपये की बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से अधिक नहीं होगी और कोई अन्य आय स्रोत नहीं होगा.

FD पर TDS कटौती

बैंक FD पर ब्याज का भुगतान करने से पहले 10% TDS काटता है. हालांकि, यदि ब्याज आय एक निश्चित सीमा से कम होती है, तो कोई TDS नहीं कटेगा. सीनियर सीटीजन (60 वर्ष से अधिक) के लिए यह सीमा 1,00,000 रुपये और 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों के लिए 50,000 रुपये है.

ये भी पढ़ें- सुकन्या समृद्धि योजना से ज्यादा ब्याज दे रहे हैं ये बैंक, 9.1 फीसदी तक रिटर्न का मौका

TDS से बचने का तरीका

वरिष्ठ नागरिक TDS से बचने के लिए बैंक में Form 15H, जबकि अन्य व्यक्ति Form 15G जमा कर सकते हैं. यह फॉर्म हर साल 1 अप्रैल से पहले जमा करना जरूरी है ताकि बैंक TDS न काटे. हालांकि, यह सुविधा तभी मिलेगी जब व्यक्ति की कुल आय (ब्याज सहित) 4 लाख रुपये से कम हो.

ऐसे करें कैलकुलेशन

उदाहरण, मान ले किसी सीनियर सीटीजन की 50 लाख रुपये की फिक्सड डिपॉजिट SBI में है, तो उसपर कैसे टैक्स कैलकुलेशन होगा,

  • FD जमा राशि: 50,00,000 रुपये
  • ब्याज दर: 7.75% (SBI )
  • वार्षिक ब्याज: ₹3,87,500

क्योंकि ब्याज 4 लाख से कम है, इसलिए कोई टैक्स नहीं लगेगा और ना ही ITR भरने की जरूरत हो. हालांकि ध्यान देने वाली बात है कि कुछ बैंक सीनियर सीटीजन को अधिक ब्याज दर देते हैं, तो अगर ब्याज 4 लाख रुपये से ज्यादा हो जाता है, तो उस पर टैक्स देना होगा.