Agra-Gwalior Corridor प्रोजेक्ट के लिए 10 कंपनियों ने लगाई बोली, IRB Infrastructure के साथ Adani भी शामिल
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 88 किलोमीटर लंबे Agra-Gwalior राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना के लिए 10 इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से बोलियां मिली हैं.सरकार का अनुमान है कि यह कॉरिडोर Agra और Gwalior के बीच की दूरी को 7 फीसदी तक कम कर देगा.
Agra-Gwalior Corridor प्रोजेक्ट के लिए काम तेज हो गया है, और कंपनियों ने इसके लिए बोली लगाना शुरू कर दिया है. Agra-Gwalior Corridor उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण सड़क मार्ग है, जिसका उद्देश्य यातायात को सुगम बनाना और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करना है. इस प्रोजेक्ट के लिए 10 कंपनियों ने बोली लगाई है, जिनमें प्रमुख रूप से IRB Infrastructure और Adani Group शामिल हैं. यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर विकसित किया जाएगा. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए देश की बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है.
इन कंपनियों ने लगाई बोली
ET की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के लिए 10 कंपनियों ने बोली लगाई है, जिनमें शामिल हैं:
Sadbhav Engineering | PNC Infratech |
Megha Engineering & Infrastructures Limited (MEIL) | Larsen & Toubro (L&T) |
HG Infra Engineering | Ashoka Buildcon |
GR Infraprojects | Adani Group |
Dilip Buildcon | IRB Infrastructure |
PPP मॉडल पर होगा विकास
NHAI इस परियोजना को Build-Operate-Transfer (BOT) मॉडल के तहत विकसित करेगा, जहां चयनित कंपनी प्रोजेक्ट के निर्माण, रखरखाव और टोल कलेक्शन का कार्य करेगी. इस मॉडल से सरकार पर बजट का कम दबाव पड़ेगा.
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खर्च होंगे 4,613 करोड़ रुपये
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 88 किलोमीटर लंबे Agra-Gwalior राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजना के लिए 10 इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों से बोलियां मिली हैं. इस प्रोजेक्ट पर 4,613 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त 2024 में छह लेन वाले Agra-Gwalior Corridor के साथ-साथ सात अन्य राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी थी, जिनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर और अनुमानित लागत 50,655 करोड़ रुपये थी.
बढ़ेगी कनेक्टिविटी
सरकार का अनुमान है कि यह कॉरिडोर Agra और Gwalior के बीच की दूरी को 7 फीसदी तक और यात्रा के समय को 50 फीसदी तक कम कर देगा, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी. इसके अलावा, इससे उत्तर प्रदेश (ताजमहल, आगरा किला आदि) और मध्य प्रदेश (ग्वालियर किला जैसे) के प्रमुख पर्यटन स्थलों से कनेक्टिविटी बढ़ने की उम्मीद है. छह-लेन एक्सेस-कंट्रोल Agra-Gwalior ग्रीनफील्ड हाईवे Agra के देवरी गांव से शुरू होकर Gwalior के सुसेरा गांव तक जाएगा.