क्या रियल एस्टेट में आने वाला है संकट? जुलाई से सितंबर में देश के 9 बड़े शहरों में घरों की बिक्री में बड़ी गिरावट
रियल एस्टेट डाटा एनालिटिक फम्र प्रॉपइक्विटी ने शुक्रवार को देशभर के 9 सबसे बड़े शहरों में जुलाई से सितंबर के दौरान घरों की बिक्री को लेकर डाटा जारी किया है. इस डाटा से पता चलता है कि साल-दर-साल के लिहाज से देखा जाए, तो पिछले साल जुलाई से सितंबर की अवधि में बेचे गए घरों की तुलना में इस साल समान अवधि में घरों की बिक्री में 18 फीसदी की भारी गिरावट आई है.
देश में घरों की कीमत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से इजाफा हुआ है. लेकिन, इसके बाद भी घरों की बिक्री लगातार जारी है. हालांकि, जुलाई से सितंबर के दौरान देश के 9 सबसे बड़े शहरों में घरों की बिक्री में 18 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले दिनों औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों में भी कमजोरी देखने को मिली थी. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि कहीं रियल एस्टेट सेक्टर संकट में तो नहीं आने वाला है. खासतौर पर घरों की आसमाान छूती कीमतों और ब्याज दरों में गिरावट की उम्मीद में बहुत से लोग घर खरीदने की अपनी योजनाओं में बदलाव कर रहे हैं.
रियल एस्टेट डाटा एनालिटिक फम्र प्रॉपइक्विटी ने शुक्रवार को देशभर के 9 सबसे बड़े शहरों में जुलाई से सितंबर के दौरान घरों की बिक्री को लेकर डाटा जारी किया है. इस डाटा से पता चलता है कि साल-दर-साल के लिहाज से देखा जाए, तो पिछले साल जुलाई से सितंबर की अवधि में बेचे गए घरों की तुलना में इस साल समान अवधि में घरों की बिक्री में 18 फीसदी की भारी गिरावट आई है.प्रॉपइक्विटी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई से सितंबर की तिमाही के दौरान देश के 9 प्रमुख शहरों में 1,04,393 घरों की बिक्री हुई. वहीं, पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 1,26,848 घर बिके थे.
आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई से सितंबर अवधि के दौरान केवल दिल्ली-एनसीआर और नवी मुंबई में घरों की बिक्री में वृद्धि हुई है. इसके अलावा बाकी 7 शहरों में बिक्री में गिरावट आई है. दिल्ली-एनसीआर में इस दौरान करीब 22 फीसदी और नवी मुंबई में 4 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है.अन्य सात शहरों में बिक्री में गिरावट आई है. हैदराबाद में सबसे ज्यादा 42 फीसदी, की गिरावट दर्ज की गई है, उसके बाद बेंगलुरु में 26, कोलकाता में 23, पुणे में 19, चेन्नई में 18, मुंबई में 17 और ठाणे में 10 फीसदी की गिरावट आई है.
प्रॉपइक्विटी के सीईओ और संस्थापक समीर जसूजा ने कहते हैं कि रियल एस्टेट की मांग मजबूत बनी हुई है, क्योंकि इस तिमाही में भी बिक्री नए लॉन्च की तुलना में अधिक हुई है. हालांकि, इस तिमाही में जो घरों की बिक्री में मामूली गिरावट आई है, वह ऐतिहासिक प्रवृत्ति की जरूर है. लेकिन, इसका पूरे सेक्टर पर कोई बड़ा प्रतिकूल असर पड़ते हुए नहीं दिख रहा है. पिछले दिनों तमाम रिपोर्टों में भी यह बताया गया है कि पूरे देश में आवासीय संपत्तियों को लेकर लोगों के बीच मजबूत सकारात्मक रुख बना हुआ है. कई शहरों में तो लोग अपने वेतन का 50-60 फीसदी घर की ईएमआई चुकाने में दे रहे हैं.
किन शहरों में कितने घर बिके
जुलाई से सितंबर के दौरान बेंगलुरू घरों बिक्री 26 फीसदी घटकर 13,355 इकाई रह गई. एक साल पहले यह 17,978 इकाई थी. इसी तरह चेन्नई में 5,628 से 18 फीसदी घटकर 4,634 घर ही इस अवधि में बिके. हैदराबाद में पिछले वर्ष के 20,658 घरों की तुलना में 42 फीसदी की गिरावट के साथ 12,082 घर ही बिके हैं. कोलकाता में इस दौरान बिक्री 23 फीसदी घटकर 4,634 इकाई से 3,590 इकाई रह गई है. मुंबई में आवास की बिक्री 13,167 इकाई से 17 फीसदी घटकर 10,966 रह गई. वहीं, नवी मुंबई में बिक्री 7,416 इकाई से 4 फीसदी बढ़कर 7,737 इकाई तक पहुंचने का अनुमान है. इसी तरह दिल्ली-एनसीआर में पिछले वर्ष की तुलना में आवास की बिक्री 8,411 इकाई से 22 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 10,263 इकाई की बिक्री का अनुमान है. पुणे में इस दौरान बिक्री 26,154 इकाई से 19 फीसदी घटकर 21,306 इकाई रह गई है. मुंबई महानगर क्षेत्र के ठाणे में इस साल जुलाई से सितंबर के दौरान आवास की मांग 10 फीसदी घटकर 20,460 इकाई रह गई है. जबकि, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 22,802 इकाई रही थी.