उत्‍तर प्रदेश के नोएडा सहित 5 शहरों में 378 रेजिडेंशियल प्रोजेक्‍ट्स अटके, 1.46 लाख लोगों को नहीं मिल पा रहा घर

उत्तर प्रदेश के नोएडा सहित कई बड़े शहरों में 378 रेजिडेंशियल प्रोजेक्टस अटके हुए हैं, जिनके कारण करीब डेढ़ लाख लोगों को घर नहीं मिल पाया है. रियल स्टेट data analytic firm पॉपइक्विटी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में इसका खुलासा किया.

उत्तर प्रदेश के पांच शहरों में अटके हैं 378 रेजिडेंशियल प्रोजेक्टस Image Credit: PTI PHOTOS

रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक फर्म प्रॉपइक्विटी ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक उत्तर प्रदेश के पांच प्रमुख प्रॉपर्टी मार्केट में करीब 378 रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट अटके हुए हैं. इनमें करीब 1.46 लाख घर शामिल हैं. ये परियोजनाएं यूपी के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, गाजियाबाद और आगरा शहरों में रुकी हुई हैं. इसके पीछे के कारण के बारे में प्रॉपइक्विटी ने कहा कि पैसों के गलत तरीके से प्रयोग करने और काम करने की क्षमताओं में कमी के कारण इन परियोजनाओं में देरी हो रही है.

कहां कितनी परियोजनाएं पड़ी हैं ठप

पॉपइक्विटी के जारी आंकड़ों के अनुसार 42 शहरों में 1,981 रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट रुके हुए हैं, जिनकी वहज से करीब 5 लाख लोगों को रहने के लिए घर नहीं मिल पाया है. रिपोर्ट में हर शहर के अलग आंकड़े भी जारी किए हैं, जिनके मुताबिक ग्रेटर नोएडा में 167 परियोजनाएं रुकी हुई हैं, जिसके चलते 74 हजार 645 लोगों को घर नहीं मिल पा रहा है. नोएडा में 103 रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट अटके हुए हैं, जहां पर 41 हजार 438 यूनिट हैं. गाजियाबाद में भी 50 प्रोजेक्टस अटके हुए हैं. वहीं, प्रदेश की राजधानी में भी कमोवेश यही हाल है. वहां भी 48 आवासीय परियोजनाएं रुकी हुई हैं, जिनके चलते 13,024 लोगों को घर नहीं मिल पा रहा है. आगरा में भी प्रॉपर्टी मार्केट के 10 प्रोजेक्ट अटके हुए हैं, जिसके चलते भी 1,495 यूनिट बाधित हैं.

पॉपइक्विटी ने लॉन्च किया नया वर्टिकट

पॉपइक्विटी का संचालन पीई एनालिटिक्स लिमिटेड कंपनी है. जो भारत के 44 बड़े शहरों में 57,000 से अधिक डेवलपर्स की 1.7 लाख से अधिक परियोजनाओं को कवर करती है. कंपनी ने घर खरीददारों को पॉपर्टी से जुड़ा अपडेट देने के लिए एक नए वर्टिकल प्रॉपअलर्ट को शुरू किया है. कंपनी ने बताया कि उसे उम्मीद है कि वह सितंबर 2025 तक इससे 10 करोड़ का राजस्व प्राप्त कर लेगी.