बदलने जा रहे अधिग्रहण के नियम, 5 साल में नहीं बना हाईवे, तो किसानों को लौटाई जाएगी उनकी जमीन
केंद्र सरकार जमीन अधिग्रहण के नियमों में बदलाव करने जा रही है. इसके लिए हाल में ही राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव में राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 में कई अहम संशोधन करने की बात कही गई है.

भारत सरकार National Highway के लिए होने वाले जमीन अधिग्रहण से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव करने जा रही है. इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम, 1956 में संशोधनों का प्रस्ताव रखा है. केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे गए इस प्रस्ताव में पुराने कानून में व्यापक बदलाव की बात कही गई है.
क्यों बदला जा रहा पुराना कानून?
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव रखा गया है. इसका मकसद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज करना और मुआवजे से जुड़े विवादों में कमी लाना है. मौजूदा नियमों के तहत नेशनल हाईवे के लिए होने वाली जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में अक्सर मुआवजे की दर को लेकर विवाद होता है और कई बार मामला लंबे समय तक अदालतों में लंबित रहता है, जिससे कई परियोजनाएं अधूरी पड़ी रहती हैं.
क्या हो सकते हैं प्रमुख बदलाव?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय की तरफ से कैबिनेट को भेजे गए प्रस्ताव में सबसे अहम बदलाव जमीन को किसानों से लौटाने को लेकर होने वाला है. प्रस्ताविज दस्तावेज के मुताबिक अगर नेशनल हाईवे के लिए खरीदी गई जमीन पर 5 साल के भीतर हाईवे नहीं बनता है, तो यह जमीन उसके मूल मालिकों को लौटा दी जाएगी.
मुआवजे की रकम पर आपत्ति
प्रस्तावित नियमों में यह प्रावधान किया गया है कि मुआवजे की घोषणा के तीन महीने बाद तक ही मुआवजे की रकम को लेकर आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है. इसके बाद मुआवजे को लेकर किसी तरह की आपत्ति को स्वीकार नहीं किया जाएगा. इस बदलाव का मकसद मुआवजे से जुड़े विवादों में कमी लाना है.
पारदर्शिता बढ़ाने को बनेगा पोर्टल
प्रस्तावित नियमों के तहत जमीन अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा. इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा, जहां जमीन अधिग्रहण से जुड़ी सभी सूचनाएं मौजूद रहेंगी. इसके अलावा, हाईवे के किनारे दी जाने वाली सुविधाओं, पब्लिक यूटीलिटीज, टोल और कार्यालयों के लिए भी जमीन अधिग्रहण की जानकारी इस पोर्टल पर मौजूद होगी.
अधिग्रहण के बाद कब्जा होगा अवैध
ज्यादा मुआवजे के लालच में कई बार अधिग्रहण के बाद जमीन पर घर जैसे ढांचे बनाने वालों पर लगाम लगाने के लिए भी नियम बदले जाएंगे. अब जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी होने के बाद किसी भी जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं होगी और किसी तरह का कोई कब्जा या ढांचा नहीं खड़ा किया जा सकता है.
मार्केट रेट के हिसाब से मिलेगा मुआवजा
मुआवजा तय करने के लिए अधिसूचना जारी किए जाने की तारीख के दिन जमीन का जो बाजार भाव होगा, उसके आधार पर ही मुआवजा दिया जाएगा. इससे मुआवजे के मनमाने निर्धारण पर रोक लगेगी. इन बदलावों का मकसद नेशनल हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाना, विवादों को कम करना और पारदर्शिता बढ़ाना है.
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