Amrapali project: सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त! NBCC को निर्देश, पजेशन नहीं लेने वालों के फ्लैट करें रीसेल 

Amrapali project को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे बायर्स पर कड़ा रुख अख्तियार किया है जिनके फ्लैट रेडी हैं, लेकिन वे पजेशन लेने नहीं आ रहे हैं. इसके लिए कोर्ट ने NBCC को कहा है कि ऐसे फ्लैटों की बुकिंग कैंसिल कर उन्हें फिर से बेचा जाए.

भारत का सर्वोच्च न्यायालय Image Credit: Supreme Court

आम्रपाली ग्रुप के तमाम अधूरे प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सरकारी कंपनी NBCC पूरा कर रही है. सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ इस मामले की लगातार निगरानी कर रही है. 9 जनवरी को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे घर खरीदारों को लेकर रुख कड़ा कर लिया है, जिनके घर रेडी हैं, लेकिन वे पजेशन लेने नहीं आ रहे हैं.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल व इस मामले में कोर्ट रिसीवर आर वेंकटरमानी से तमाम प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति की जानकारी ली. इसके साथ ही उन्हें निर्देश दिया कि वे उन फ्लैटों की लेटेस्ट स्टेटस रिपोर्ट पेश करें, जो पजेशन के लिए रेडी हैं, लेकिन खरीदार पजेशन लेने नहीं आ रहे हैं. इसके साथ ही अधूरे पड़े फ्लैटों पर भी रिपोर्ट मांगी है.

कोर्ट रिसीवर से मांगी रिपोर्ट

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आम्रपाली प्रोजेक्ट में फ्लैटों का कब्जा लेने के लिए घर खरीदारों के नहीं आने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसे खरीदारों की बुकिंग कैंसिल कर दी जाएंगी और फ्लैट दूसरे खरीदारों को बेच दिए जाएंगे. इसके साथ ही पीठ ने कहा, “हम कोर्ट रिसीवर से नवीनतम रिपोर्ट दाखिल करने का अनुरोध करेंगे, जिसमें उनके और एनबीसीसी के प्रयासों के बावजूद घर खरीदारों ने कब्जा नहीं लिया है.”

नोएडा-ग्रेटर नोएडा और यूपी सरकार को निर्देश

नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रविन्द्र कुमार ने पीठ को बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने गोल्ड होम परियोजना में अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण के लिए अपनी मंजूरी दे दी है. इसके अलावा पांच अन्य परियोजनाओं के संबंध में NBCC की तरफ से कुछ अनुपालन संबंधी देरी है. इस पर पीठ ने पीठ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को शेष चार परियोजनाओं के लिए मंजूरी देने का निर्देश दिया. वहीं, नोएडा के अधिकार क्षेत्र में स्थित सिलिकॉन सिटी परियोजना के लिए पीठ ने प्राधिकरण को अतिरिक्त फ्लैटों के लिए स्वीकृति प्रदान करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को इन परियोजनाओं को जरूरी पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान करने का निर्देश दिया.

NBCC ने क्या कहा

इसके साथ ही पीठ ने NBCC की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे की दलील पर गौर किया, जिसमें उन्होंने कंप्लायंस पोर्टल पर मैप अपलोड करने की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पोर्टल पर चार परियोजनाओं – सेंचुरियन पार्क, लेजर वैली, लेजर पार्क और ड्रीम वैली के लिए मैप अपलोड किए गए हैं. इसके साथ ही दवे ने पीठ को बताया कि एनबीसीसी को परियोजना को पूरा करने के 500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की जरूरत है.

बायर्स के वकील क्या बोले

घर खरीदारों की ओर से पेश हुए वकील एमएल लाहोटी ने कहा कि घर खरीदार अतिरिक्त रकम देने की स्थिति में नहीं है. बैंकों ने एनबीसीसी को 1,600 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, इसके अलावा भारतीय स्टेट बैंक ने लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 650 करोड़ रुपये दिए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 2024 में एनबीसीसी ने कहा था कि उसने 20,000 फ्लैट पूरे कर लिए हैं, लेकिन घर खरीदारों को केवल 7,000 फ्लैट दिए गए. बाकी 13,000 फ्लैट कहां अटके हैं इसकी कोई जानकारी नहीं है.

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