अपार्टमेंट में रहने वालों को बड़ा झटका, 7,500 रुपये से ज्यादा मेंटेनेंस पर लगेगा 18 फीसदी GST
अगर आप भी अपार्टमेंट में रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. अब अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों को बड़ा झटका लगा है. यदि आप 7,500 रुपये से अधिक मेंटेनेंस चार्ज देते हैं, तो आपको 18 फीसदी GST देना होगा. बजट 2025-26 में हाउसिंग सोसाइटियों के लिए एक बड़ा बदलाव किया गया है. इसके अलावा, हर महीने दो बार रिटर्न भी भरना होगा.
Apartment Gst Tax: बढ़ते शहरीकरण के कारण शहरी जीवन में अपार्टमेंट कल्चर अब आम हो गया है. केंद्रीय बजट 2025-26 में हाउसिंग सोसाइटियों के लिए एक बड़ा बदलाव किया गया है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यदि किसी अपार्टमेंट का मासिक मेंटेनेंस चार्ज 7,500 रुपये या उससे अधिक है, या किसी सोसाइटी का वार्षिक कलेक्शन 20 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उस पर 18 फीसदी GST लगेगा. इस फैसले ने कर्नाटक के शहरी निवासियों, विशेष रूप से बेंगलुरु, मैसूरु, मंगलुरु, हुब्बली और बेलगावी के अपार्टमेंटवासियों को चिंता में डाल दिया है.
किन पर पड़ेगा असर
रिपोर्ट के मुताबिक, केवल बेंगलुरु में लगभग 50 लाख लोग अपार्टमेंट में रहते हैं, और राज्य के अन्य शहरों को मिलाकर यह आंकड़ा 90 लाख से ऊपर पहुंच जाता है. नए नियमों के अनुसार, यदि किसी सोसाइटी द्वारा पेंटिंग, लिफ्ट मरम्मत, पानी की टंकी की सफाई जैसे कार्यों के लिए किया गया वार्षिक खर्च 20 लाख रुपये से अधिक होता है, तो वह भी GST के दायरे में आएगा.
कई लोगों को उम्मीद थी कि यह टैक्स केवल 5 फीसदी होगा, लेकिन वास्तव में यह 18 फीसदी है. यदि कोई सोसाइटी 20 लाख रुपये की लिमिट पार करती है, तो उसे सालाना 3.6 लाख रुपये GST देना होगा. यदि यही स्थिति 10 वर्षों तक बनी रहती है, तो यह कुल 36 लाख रुपये हो जाएगा.
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हर महीने दो बार भरना होगा रिटर्न
अब अपार्टमेंट में रहने वालों के बीच यह चर्चा जोरों पर है कि क्या उन्हें GST का रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए. यदि एक बार रजिस्ट्रेशन हो गया, तो हर महीने दो बार 11 और 20 तारीख को रिटर्न भरना अनिवार्य होगा. इसके अलावा साल में एक बार वार्षिक रिटर्न भी भरना होगा. इसके लिए ऑडिटर की फीस और कानूनी प्रक्रियाओं में सालाना करीब 1-2 लाख रुपये का खर्च भी आ सकता है.
लोग कर रहे हैं चर्चा
लोग अब GST से बचने के उपाय ढूंढ रहे हैं. कई सोसाइटीज में मीटिंग्स की जा रही हैं, व्हाट्सएप ग्रुप्स में चर्चा हो रही है. जिन्हें यह स्पष्ट नहीं कि उनकी सोसाइटी GST के दायरे में आती है या नहीं, वे स्थानीय कमर्शियल टैक्स ऑफिस जाकर 500 रुपये की फीस देकर एक आधिकारिक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं, जो उनकी स्थिति को स्पष्ट करता है.