Budget 2025: इन 5 चीजों पर फोकस कर हाउसिंग को अफॉर्डेबल बना सकती है सरकार

भारत के होम लोन सेक्टर में सुधार हो रहे हैं और आगामी बजट में होम लोन लेने वाले खरीदारों को ध्यान में रखते हुए कई मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी होगा, जैसे कि होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट, अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए इंसेंटिव और स्टाम्प ड्यूटी और जीएसटी में उचित बदलाव लाना.

घर खरीदारों को कैसे मिलेगी राहत? Image Credit: Freepik

अतुल मोंगा: भारत के होम लोन सेक्टर में बड़े सुधार हो रहे हैं और अगर सरकार होम लोन लेने वाले खरीदारों को ध्यान में रखती है तो आगामी बजट इसमें टर्निंग पॉइन्ट साबित हो सकता है. ऐसे में बजट में कई मुद्दों पर ध्यान देना जरूरी होगा जैसे, होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट, अफॉर्डेबल हाउसिंग के लिए इंसेंटिव और स्टाम्प ड्यूटी और जीएसटी में उचित बदलाव लाना. रियल एस्टेट आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, ऐसे में इस सेक्टर में सही बदलाव लाने से न सिर्फ होम लोन सेगमेन्ट को बढ़ावा मिलेगा बल्कि देश भर के लोगों के लिए घर खरीदने का सपना साकार करना भी आसान हो जाएगा.

फोकस 1: होम लोन पर टैक्स छूट

वित्त मंत्रालय को को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24बी के तहत होम लोन के ब्याज पर टैक्स में छूट को बढ़ाकर रु 5 लाख करना चाहिए. इसके अलावा सेक्शन 80सी के तहत प्रिंसिपल रीपेमेन्ट की कटौती को भी 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख करना चाहिए. ऐसा करने से घर खरीदने वालों को राहत मिलेगी और होम लोन सस्ता हो जाएगा.

फोकस 2: टैक्स प्रक्रिया

इसके अलावा सरकार को होम लोन की पेमेंट से जुड़े सभी पहलुओं जैसे ब्याज और प्रिंसिपल रीपेमेंट को एक ही सेक्शन में रखना चाहिए. इससे टैक्स के मौजूदा कानून और टैक्स की प्रक्रिया अधिक सरल हो जाएगी.

फोकस 3: क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना

मौजूदा आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना को वापस लाना चाहिए, इससे घर खरीदने वालों पर आर्थिक बोझ कम होगा. इससे हाउसिंग सेक्टर में मांग बढ़ेगी, और कन्स्ट्रक्शन एक्टिविटी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

फोकस 4: अफॉर्डेबल हाउसिंग

अफॉर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी को मौजूदा 1 फीसदी से कम कर 0.5 फीसदी पर लाने से हाउसिंग की लागत कम हो जाएगी. इसके अलावा स्टाम्प ड्यूटी पर छूट, अप्रूवल प्रक्रिया को आसान बनाने से सेगमेन्ट में सप्लाई बढ़ेगी. इससे न सिर्फ रियल एस्टेट सेक्टर बल्कि सरकार के मिशन ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ को भी बढ़ावा मिलेगा.

फोकस 5: सस्टेनेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स

ऐसे डेवलपर्स और खरीदारों को इंसेंटिव दिए जाने चाहिए, जो ग्रीन बिल्डिंग्स में निवेश करना चाहते हैं. उन्हें टैक्स में छूट, सब्सिडी दी जाए, लोन की शर्तों को आसान बनाया जाए. ऐसा करने से कार्बन फुटप्रिन्ट को कम करने में मदद मिलेगा. साथ ही उर्जा प्रभावी विकल्पों को भी बढ़ावा मिलेगा. इससे न सिर्फ खरीदारों के पैसे बचेंगे बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.

(अतुल मोंगा बेसिक होम लोन के को-फाउंडर और सीईओ हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)