4,500 करोड़ रुपये से बनेगा 6 लेन का ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड हाईवे, केंद्र सरकार ने दे दी मंजूरी
JNPA Port Connectivity Project: नया 6-लेन ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट कॉरिडोर बेहतर बंदरगाह कनेक्टिविटी की ओर ले जाएगा. पोर्ट से जोड़ने वाली सड़क का विकास मोदी सरकार मुख्य फोकस एरिया में से एक है, जिसपर काम चल रहा है.

JNPA Port Connectivity Project: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (Pagote) को चौक (29.219 किमी) से जोड़ने के लिए 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से 6-लेन एक्सेस-कंट्रोल ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस प्रोजेक्ट को 4,500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर (BOT) मोड पर डेवलप किया जाएगा. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने महाराष्ट्र में जेएनपीए पोर्ट (Pagote) से चौक (29.219 किमी) तक 6-लेन एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड नेशनल हाईवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है.
सरकार का है पूरा फोकस
इसमें कहा गया है कि भारत में प्रमुख और छोटे बंदरगाहों को इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने वाली सड़क का विकास पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान सिद्धांतों के तहत इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग के मुख्य फोकस एरिया में से एक है. बयान में कहा गया है कि जेएनपीए बंदरगाह पर कंटेनर की बढ़ती मात्रा और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के साथ, इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संपर्क बढ़ाने की आवश्यकता की पहचान की गई है.
डायरेक्ट कनेक्टिविटी
वर्तमान में, पलास्पे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन और पनवेल जैसे शहरी क्षेत्रों में भारी भीड़भाड़ के कारण वाहनों को जेएनपीए बंदरगाह से एनएच-48 और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के मुख्य स्वर्णिम चतुर्भुज (GQ) सेक्शन तक जाने में 2-3 घंटे लगते हैं. 2025 में नवी मुंबई हवाई अड्डे के चालू होने के बाद डायरेक्ट कनेक्टिविटी की आवश्यकता और भी बढ़ने की उम्मीद है.
कहां से शुरू होगा प्रोजेक्ट?
बयान में कहा गया है कि यह परियोजना इन कनेक्टिविटी आवश्यकताओं को पहचान करने, जेएनपीए बंदरगाह और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने के लिए डिजाइन की गई है. परियोजना एलाइनमेंट जेएनपीए बंदरगाह (एनएच 348) (पगोटे गांव) से शुरू होता है और मुंबई-पुणे राजमार्ग (एनएच-48) पर समाप्त होता है. जबकि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा नेशनल हाईवे (NH-66) को भी जोड़ता है.
सहयाद्री से होकर गुजरने वाली दो सुरंगें पहाड़ी इलाकों में घाट सेक्शन के बजाय कमर्शियल वाहनों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए प्रदान की गई हैं, जिससे बड़े कंटेनर ट्रकों के लिए हाई स्पीड और आसान आवाजाही सुनिश्चित होती है.
नया 6-लेन ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट कॉरिडोर बेहतर बंदरगाह कनेक्टिविटी की ओर ले जाएगा, जिससे सुरक्षित और एफिशिएंट माल ढुलाई में मदद मिलेगी. यह परियोजना मुंबई और पुणे के आसपास के विकासशील क्षेत्रों में विकास, प्रगति और समृद्धि के नए रास्ते खोलेगी.
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