बढ़ गई घर बनवाने की लागत, क्‍या महंगे होने वाले हैं फ्लैट्स?

घर बनाने की लागत बढ़ती जा रही है. आम लोगों के अपने घर का सपना महंगा होता जा रहा है. पिछले एक साल में घर बनाने की लागत में इजाफा हुआ है. इसका सीधा असर उन लोगों की जेब पर होगा, जो अपना घर बनाना या खरीदना चाहते हैं. जानते हैं अपने घर का सपना कितना महंगा होने जा रहा है?

कंस्ट्रक्शन लागत का प्रतीकात्मक चित्र Image Credit: freepik

अमेरिकी कमर्शियल रियल एस्टेट सर्विस इन्वेस्टमेंट फंड CBRE ने भारत में घर बनाने की कीमत पर एक रिपोर्ट जारी की है. CBRE की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले एक साल में घर बनाने की लागत में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है. सोमवार 10 मार्च को जारी रिपोर्ट ‘इंडिया कंस्ट्रक्शन कॉस्ट ट्रेंड 2024-25’ में BCRE ने बताया है कि सालाना आधार पर भारत में ग्रीनफील्ड रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की कॉस्ट में 2 से 4 फीसदी का इजाफा हुआ है.

कच्चे माल की कीमत बढ़ी

रिपोर्ट में बताया गया है कि 2024 में सीमेंट की कीमत में 6-8 फीसदी, स्टील में 3-5 फीसदी और एल्युमीनियम की कीमत में सालाना आधार 2 फीसदी तक की गिरावट आई. जबकि, इस दौरान पेंट की कीमतें स्थिर रहीं. हालांकि, लकड़ी की कीमत में 3-6 फीसदी और पत्थर की कीमत में 2 फीसदी तक इजाफा हुआ.

लेबर कॉस्ट बढ़ी

CBRE की रिपोर्ट के मुताबिक एक साल के दौरान कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रमिकों की कमी के चलते लेबर कॉस्ट में 5 फीसदी का इजाफा हुआ है. श्रम लागत में इस वृद्धि ने सीमेंट और स्टील की कीमत में आई कमी के असर को खत्म कर दिया है. इस तरह ओवरऑल कंट्रक्शन कॉस्ट में इजाफा हुआ है.

कितनी है औसत कंस्ट्रक्शन लागत

दिल्ली-एनसीआर में हाई राइज प्रॉजेक्ट (30 मंजिल) के लिए निर्माण की लागत 5,500-6,100 रुपये प्रति वर्ग फीट है. वहीं, 12 मंजिला इमारतों के लिए लागत 3,100-3,500 रुपये है.

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार

सीबीआरई के भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के चेयरमैन एवं सीईओ अंशुमान के मुताबिक भारत का निर्माण क्षेत्र आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ है, जो 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनने की ओर अग्रसर है. रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि शहरों की शानदारी स्काईलाइन से लेकर देश के दूरदराज के क्षेत्रों को जोड़ने वाली व्यापक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं तक, निर्माण क्षेत्र भारत के व्यापक आर्थिक उद्देश्यों के लिए एक अहम आधार के रूप में काम करता है.

चुनौतियों के बीच जारी रहेगा विकास

उन्होंने कहा कि निर्माण लागत को स्थिर करना, तेजी से शहरी विस्तार और प्रॉपर्टी की मांग को बनाए रखने के लिए जरूरी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कार्यबल की कमी चुनौतियां पेश कर रही है, लेकिन मजबूत निवेश को आकर्षित करना जारी रखेगा.

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