क्या घर या दुकान बनाने के लिए पुलिस से परमिशन लेनी होती है? जानें दिल्ली, UP, बिहार और राजस्थान के नियम
क्या यूपी, बिहार, दिल्ली और राजस्थान के बड़े शहरों में घर या दुकान खोलने के लिए हमें पुलिस से परमिशन लेने की जरूरत होती है? आइए जानते हैं कि इसे लेकर कानून क्या कहता है और अलग-अलग राज्यों में इसके क्या प्रावधान हैं.
Delhi, UP, Bihar and Rajasthan Construction Permission: अक्सर लोगों में यह भ्रम रहता है कि घर बनाने या दुकान खोलने के लिए पुलिस की अनुमति लेनी पड़ती है. खासतौर पर दिल्ली, यूपी, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों के बड़े शहरों में इसे लेकर कंफ्यूजन बना रहता है. इसी भ्रम को दूर करने के लिए हाल ही में दिल्ली सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में भवन निर्माण से जुड़े मामलों में दिल्ली पुलिस की अनुमति की जरूरत नहीं होगी. तो क्या यूपी, बिहार और राजस्थान में भी यही नियम लागू होते हैं? आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
UP, बिहार और राजस्थान के शहरों में घर बनाने के लिए पुलिस की अनुमति जरूरी है?
राजस्थान, यूपी और बिहार के बड़े शहरों में घर बनाने के लिए पुलिस से अनुमति लेना आवश्यक नहीं होता है. इन राज्यों के बड़े शहरों में भवन निर्माण से संबंधित आवश्यक अनुमतियां संबंधित नगर निगम या स्थानीय विकास प्राधिकरण से ली जाती हैं. यही प्राधिकरण भवन निर्माण से जुड़े नियमों और विनियमों को लागू करने की जिम्मेदारी निभाते हैं.
UP में भवन निर्माण की अनुमति लेने की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश में भवन निर्माण की अनुमति ‘उत्तर प्रदेश शहरी योजना एवं विकास अधिनियम, 1973’ के तहत लागू होता है. इस अधिनियम की धारा 27 के अनुसार, बिना आवश्यक अनुमति के किया गया निर्माण अवैध माना जाता है और इसे ध्वस्त किया जा सकता है.
बिहार और राजस्थान में क्या हैं नियम?
बिहार और राजस्थान में भी भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति लेना आवश्यक नहीं है. इन राज्यों में भी स्थानीय नगर निगम या विकास प्राधिकरण से भवन निर्माण की मंजूरी लेना जरूरी होता है. प्रत्येक राज्य के अपने नगर नियोजन और विकास अधिनियम होते हैं, जो किसी भी तरह के निर्माण कार्य की प्रक्रिया और आवश्यकताओं को रोकते हैं.
दिल्ली में घर बनाने को लेकर क्या कहता है कानून?
दिल्ली सरकार के सर्कुलर के अनुसार, दिल्ली नगर निगम अधिनियम (DMC Act), 1957 की धारा 312 और 313 में लेआउट योजना को अंतिम रूप देने का प्रावधान है. वहीं, धारा 336 के तहत भवन योजना की मंजूरी दी जाती है, जबकि धारा 346 में पूर्णता प्रमाण पत्र (Completion Certificate) का प्रावधान है.
दिल्ली में निर्माण कार्य की अनुमति कौन देता है?
दिल्ली सरकार के सर्कुलर के अनुसार, भवन निर्माण से जुड़ी सभी गतिविधियां एमसीडी (MCD) और अन्य स्थानीय निकायों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं. दरअसल, हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ इस विषय पर बैठक की थी. इसके बाद सरकार ने यह सर्कुलर जारी किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि निर्माण कार्य के लिए पुलिस से किसी भी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.
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