SEBI ने बदले नियम, निष्क्रिय खातों के सेटलमेंट के लिए ब्रोकर्स को मिलेगा ज्यादा समय
सेबी ने ब्रोकरेज सेवा देने वाली कंपनियों को बड़ी राहत दी है. सोमवार को जारी एक सर्कुलर में सेबी ने डेली सेटलमेंट से जुड़े नियमों बदलाव करते हुए निष्क्रिय खातों के सेटलमेंट के लिए ब्रोकर्स को ज्यादा समय देने की बात की है.
बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को ब्रोकरेज सेवा देने वाली कंपनियों को नए साल तोहफा दिया है. सेबी ने अपने एक सर्कुलर में निष्क्रिय ग्राहकों के खातों के डेली सेटेलमेंट की अनिवार्यता से ब्रोकर्स को राहत दी है. ब्रोकरों के उद्योग मानक फोरम ने यह मुद्दा कई बार सेबी के सामने उठाया था. फोरम के मुताबिक डेली सेटलमेंट की शर्त की वजह से ब्रोकरेज कंपनियों को हर रोज ऐसे ग्राहकों की पहचान करनी होती थी. इससे ब्रोकर्स के सामने कई प्रक्रियागत समस्याएं सामने आती थीं.
सेबी की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक बाजार नियामक ने ब्रोकरेज के उन ग्राहकों के खातों के निपटान के नियमों को आसान बना दिया है, जिन्होंने पिछले 30 दिनों में कोई कारोबार नहीं किया है. सेबी के पिछले निर्देशों में ब्रोकरेज को तीन वर्किंग डेज के भीतर ऐसे खातों का निपटान करने के लिए कहा गया था. 6 जनवरी को जारी एक सर्कुलर में सेबी ने कहा है कि ब्रोकरेज फर्म ऐसे खातों में धनराशि का निपटान मासिक चालू खाता निपटान चक्र की आगामी निपटान तिथियों पर कर सकते हैं, जैसा कि वार्षिक कैलेंडर में एक्सचेंजों की तरफ से नोटिफाई किया जाता है.
परिपत्र में कहा गया है कि फिलहाल, जिन ग्राहकों ने पिछले 30 दिनों में कोई लेनदेन नहीं किया है, उनके खातों का निपटान ट्रेडिंग सदस्य (टीएम) द्वारा अगले तीन कार्य दिवसों के भीतर किया जाना जरूरी है. लेकिन, ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (आईएसएफ) की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के बाद इन शर्तों को संशोधित करने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही इसमें कहा गया है कि चूंकि ग्राहकों के फंड पहले से ही क्लियरिंग कॉरपोरेशन को भेजे जाते हैं, इसलिए ऐसे ग्राहकों के फंड के निपटान के समय पर पुनर्विचार करने की जरूरत है.
सेबी के आदेश के सर्कुलर के मुताबिक ऐसे ग्राहक, जिन्होंने 30 दिन में कोई लेनदेन नहीं किया है. उनके पूरे क्रेडिट बैलेंस को स्टॉक एक्सचेंजों की तरफ से तय मासिक चालू खाता निपटान चक्र के तहत ग्राहक को लौटा दिया जाएगा. हालांकि, यदि ग्राहक 30 दिनों के बाद तथा मासिक चालू खाता निपटान चक्र की आगामी निपटान तिथियों से पहले व्यापार करता है, तो ग्राहक के खाते का निपटान, चालू खाता निपटान के लिए ग्राहक की तरफ से बताई गई तिमाही के मुताबिक किया जाता रहेगा.