FII को भाया भारत का रियल एस्टेट बाजार, 2024 में किया 5.50 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश : रिपोर्ट

देश के रियल एस्टेट बाजार में 2024 में इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने 8.87 अरब डॉलर का निवेश किया है. इसमें करीब 63 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की है. देश-विदेश के संस्थागत निवेशकों को भारतीय रियल एस्टेट में बढ़ता भरोसा बताता है कि इस सेक्टर में आने वाले दिनों में बड़ा बूम नजर आ सकता है.

भारत में रियल एस्टेट तेजी से ग्रो करने वाला सेक्टर है. Image Credit: Image by pikisuperstar on Freepik

निवेशकों के बीच भारत का शेयर बाजार या रियल एस्टेट को लेकर अक्सर पशोपेश रहता है. इस टॉपिक पर लंबे समय से बहस चली आ रही है. यह बहस चलती रहेगी, फिलहाल नई जानकारी यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) को भी भारत के रियल एस्टेट बाजार में भरोसा बढ़ रहा है.

पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2024 में देश के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशकों ने कुल 8.87 अरब डॉलर यानी करीब 74,508 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें से करीब 63 फीसदी यानी 46,940 करोड़ रुपये का निवेश FII ने किया है.

PTI ने अपनी रिपोर्ट में जोन्स लैंग लासेल इनकॉर्पोरेटेड ( JLL) के हवाले से बताया है कि 2024 के दौरान भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 51 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड 8.87 अरब डॉलर हो गया है. निवेशक रेजिडेंशियल, ऑफिस और वेयरहाउसिंग प्रॉपर्टीज की मजबूत मांग को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं.

दफ्तरों से ज्यादा घर में निवेश

बुधवार को जारी रिपोर्ट में रियल एस्टेट कंसल्टेंट जेएलएल इंडिया ने अनुमान लगाया है कि 2024 में भारतीय रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 8.878 अरब डॉलर हुआ है, जबकि पिछले कैलेंडर वर्ष में यह 5.878 अरब डॉलर रहा था. अलग-अलग कैटेगरी के लिहाज से देखें, तो रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज में 45 फीसदी निवेश हुआ, इसके बाद ऑफिस और बिजनेस प्रॉपर्टीज में 28 फीसदी और वेयरहाउसिंग प्रॉपर्टीज ने 23 फीसदी निवेश किया.

2024 मील का पत्थर

जेएलएल इंडिया के मुताबिक 2024 भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगा. इस दौरान संस्थागत निवेशकों ने 78 बड़े सौदे किए थे. यह आंकड़ा अब तक का सबसे ऊंचा है, जो 2007 के 8.4 अरब डॉलर के शिखर को पीछे छोड़ चुका है. इसके अलावा सौदों की गतिविधि में भी तेजी आई है.

वैश्विक स्तर पर आकर्षक बना भारत का रियल एस्टेट

जेएलएल की भारत में वरिष्ठ प्रबंध निदेशक एवं पूंजी बाजार प्रमुख लता पिल्लई ने कहती हैं, मजबूत विकास, राजनीतिक स्थिरता और विविध निवेश अवसरों ने भारत को वैश्विक आर्थिक संदर्भ में अनुकूल स्थिति में ला खड़ा किया है. यही वजह है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में संस्थागत निवेश में उछाल आया है. उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि 2023 से घरेलू निवेशकों की भागीदारी बढ़ रही है और यह प्रवृत्ति 2024 में भी जारी रही है. 2019-2022 के बीच औसतन 19 फीसदी की तुलना में उनका योगदान 37 फीसदी के करीब हो गया है.

REITs की गतिविधियों में आया उछाल

इसके साथ ही पिल्लई ने कहा कि भारत में REITs की गतिविधियों में हाल ही में काफी उछाल आया है. 2024 में उनका निवेश लगभग 800 मिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जो 2023 के स्तर से तीन गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कहा, भविष्य में, क्यूआईपी से पूंजी जुटाने में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है, क्योंकि बाजार में नए सूचीबद्ध खिलाड़ियों की संख्या में वृद्धि देखने को मिल सकती है. जेएलएल इंडिया ने कहा कि आवासीय क्षेत्र अब सुर्खियों में आ रहा है, जो निवेशकों की पूंजी का बड़ा हिस्सा आकर्षित कर रहा है. 2024 में ऑफिर और बिजनेस प्रॉपर्टीज में निवेश में गिरावट आई है, जो 2023 की तुलना में 17 फीसदी कम है.