FNG Expressway: यमुना पर पुल बनाने का रास्ता साफ, नोएडा-फरीदाबाद अथॉरिटी उठाएंगे खर्च, जानें कब होगा पूरा

नोएडा-फरीदाबाद को जोड़ने वाला एफएनजी एक्‍सप्रेसवे के निर्माण में यमुना पर बनने वाले पुल का मसला काफी समय से फंसा हुआ था, लेकिन अब इसका रास्‍ता साफ हो गया है. दोनों क्षेत्रों की अथॉरिटी ने अब इस पर सहमति जताई है और खर्चा भी बराबर बांटने का फैसला किया है.

fng expressway जल्‍द होगा तैयार, आया ये अपडेट Image Credit: gettyimages

FNG Expressway Update: लंबे समय से अटके FNG एक्‍सप्रेसवे पर बड़ा अपडेट सामने आया है. अब इसके लिए यमुना पर पुल बनाने का रास्‍ता साफ हो गया है. नोएडा प्राधिकरण और फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण दोनों इसका आधा-आधा खर्च बांटेंगे. इसकी घोषणा प्राधिकरण के अधिकारियों ने रविवार को की. उन्‍होंने बताया कि दोनों अथॉरिटी इस काम के लिए सहमत हो गए हैं. पुल का निर्माण जहां हरियाणा एजेंसी करेगी, वहीं नोएडा प्राधिकरण कुल लागत का 50 प्रतिशत खर्च उठाएगी. इस एक्‍सप्रेसवे के तैयार होने से नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में रहने वालों को जाम के झाम से छुटकारा मिलेगा.

प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक नोएडा के मंगरोली गांव के पास यमुना नदी पर 600 मीटर लंबे पुल के निर्माण की लागत दोनों राज्यों के बीच बराबर-बराबर बांटी जाएगी. यमुना नदी पर बना यह पुल एक्सप्रेसवे को फरीदाबाद से जोड़ेगा, जिससे लोगों को दूरी तय करने में कम वक्‍त लगेगा. हिंदुस्तान टाइम्स ने नोएडा प्राधिकरण के मुख्य महाप्रबंधक विजय रावल के हवाले से बताया कि विभाग को फरीदाबाद सरकारी निकाय से एक आधिकारिक पत्र मिला है. जिसमें बताया गया कि वे परियोजना का खर्च आपस में बांटने को तैयार है.

40 मिनट कम होगा समय

FNG एक्‍सप्रेसवे से न सिर्फ गाजियाबाद या नोएडा, बल्कि फरीदाबाद के लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी. इससे यात्रा का समय 40 मिनट तक कम हो जाएगा. इससे सुबह और शाम को लगने वाले भयंकर जाम से भी छुटकारा मिलेगा. एफएनजी एक्‍सप्रेसवे के निर्माण का कार्य जल्‍द ही शुरू होगा. इस सिलसिले में साल के आखिरी में डिटेल में जानकारी सामाने आने की संभावना है.

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36 साल पहले दिया था प्रस्‍ताव

दिल्ली की सड़कों पर भीड़भाड़ को कम करने के लिए साल 1989 यानी 36 साल पहले एफएनजी एक्सप्रेसवे का प्रस्ताव दिया गया था. जिससे वाहन चालकों को राष्ट्रीय राजधानी से होकर गुजरने की सुविधा मिल सके. हालांकि राज्य सरकारों के बीच समन्वय की कमी के कारण पिछले लगभग तीन दशकों में इस परियोजना में बहुत कम काम हो पाया है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारें कई मुद्दों पर एकमत नहीं थीं, जिसके कारण प्रोजेक्‍ट में देरी हुई, लेकिन अब पुल निर्माण पर बनी सहमति से काम जल्‍दी पूरा होने की संभावना है.