NCR के इन 77 गांव की बल्ले बल्ले, अब आएंगे GDA के अंदर; बढ़ेंगी कीमतें
GDA गाजियाबाद और बागपत जिले के 77 गांवों को अपने दायरे में लाने की तैयारी में है. आपको बता दे कि ये गांव दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) के नजदीक हैं. ये सभी गांव फिलहाल ग्राम पंचायत के अंतर्गत आते है. ऐसे से GDA के तहत आने के बाद उनका कायापलट हो सकता है.

Uttar pradesh News: गाजियाबाद और बागपत जिले के लगभग 77 गांवों की बल्ले बल्ले होने वाली है. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) एक बड़ा प्लान तैयार करने जा रही है. इसका सीधा असर गाजियाबाद और बागपत जिले के 77 गांवों को मिलने वाला है. दरअसल, GDA गाजियाबाद और बागपत जिले के 77 गांवों को अपने दायरे में लाने की तैयारी में है. आपको बता दे कि ये गांव दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) के नजदीक हैं. ये सभी गांव फिलहाल ग्राम पंचायत के अंतर्गत आते है. ऐसे से GDA के तहत आने के बाद उनका कायापलट हो सकता है.
प्लान कर लिया गया है तैयार
NCR प्लानिंग बोर्ड ने इसका प्लान तैयार कर लिया गया है. यहीं नहीं बोर्ड ने इन गांवों की लिस्ट गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को सबमिट भी कर दिया है. जीडीए का प्लान स्पीडवे के 500 मीटर के अंदर 77 गांवों को अपने दायरे में लाने की तैयारी है. बात करे गावों कि तो बागपत की केखरा तहसील में 31 गांव वहीं गाजियाबाद के लोनी और मोदीनगर में हैं. जैसा कि हमने पहले जाना कि ये गांव फिलहाल ग्राम पंचायतों के दायरे में आते हैं.
ये भी पढ़े: SIP का कमाल, महज 15 हजार से बनाए 41 करोड़ रुपए का कॉर्पस…समझे पूरा गणित
विस्तार से समझिए पूरी कहानी
यह फैसला लंबे समय से ठंडे बस्ते में था. ऐसे में आपको इसकी पूरी कहानी विस्तार से बताते है. साल 2011-12 का था. यह वही साल था जब पहली बार इन गांवों को GDA में शामिल करने की बात उठी थी. समय बीतता गया और साल 2018 में इस प्रस्ताव को पास कराने कि पूरी कोशिश की गई. लेकिन एक बार फिर यह लंबे समय तक ठंडे बस्ते में चला गया. ऐसे में एक बार फिर यह मांग उठी है और इसे यथा शीघ्र पास कराने के लिए कहा गया है.
इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना
इन गांवों में बेहतर प्लानिंग न होने की वजह से अनस्ट्रक्चर्ड घर बनाए जा रहे है. इससे भविष्य में कई बड़ी सम्सयाएं हो सकती है. यही वजह है कि GDA इन गांवों को अपने दायरे में लेकर बेहतर विकास कर सकें. इस प्रास्ताव के पास होने से इन गावों में बेहतर विकास की संभावनाएं पैदा हो जाएंगी. मूलभूत सुविधाएं जैसे कि सड़कें, पानी, बिजली शानदार तरीके से मिलने लग जाएगा. साथ ही बिना किसी प्लानिंग के बन रहे घरों पर कार्रवाई हो सकेगी.
ये भी पढ़े: NPS vs UPS: अगर आप भी है सरकारी कर्मचारी, इतना निवेश करने पर मिलेगी 1 लाख रुपए की पेंशन
Latest Stories

टैक्स इंसेंटिव के चलते मजबूत हुई हाउसिंग की मांग, कीमतों में महंगाई दर से ज्यादा हो सकती है बढ़ोतरी

Gujarat Two New Expressways: एक तो पवित्र धामों को जोड़ेगा, दूसरा उत्तरी गुजरात में बढ़ाएगा बेहतर कनेक्टिविटी

क्या घर खरीदना हो जाएगा मिशन इम्पॉसिबल? वॉरेन बफेट के फैसले से डरा रियल एस्टेट सेक्टर…यहां समझें पूरा मामला
