Gujarat Two New Expressways: एक तो पवित्र धामों को जोड़ेगा, दूसरा उत्तरी गुजरात में बढ़ाएगा बेहतर कनेक्टिविटी
गुजरात सरकार ने 96,240 करोड़ रुपये की लागत से दो नए एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की है. ये एक्सप्रेसवे नमो शक्ति एक्सप्रेसवे और सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे हैं. नमो शक्ति एक्सप्रेसवे के बन जाने से उत्तर गुजरात दूसरे क्षेत्रों से बेहतर ढंग से जुड़ जाएगा, जबकि सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे दोनों धामों को जोड़ेगा.

Namo Shakti Expressway And Somnath-Dwarka Expressway: गुजरात सरकार ने राज्य में परिवहन नेटवर्क का विस्तार करने के लिए दो नए एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की घोषणा की है. सरकार इस परियोजना के लिए 96,240 करोड़ रुपये खर्च करेगी. ये परियोजनाएं नमो शक्ति एक्सप्रेसवे और सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे हैं. इन एक्सप्रेसवे के बन जाने से न केवल यात्रा करने में समय की बचत होगी, बल्कि व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी एक नई दिशा मिलेगी. ऐसे में आइए जानते हैं दोनों एक्सप्रेसवे को बन जाने से गुजरात को क्या फायदा होगा.
नमो शक्ति एक्सप्रेसवे (Namo Shakti Expressway)
नमो शक्ति एक्सप्रेसवे के बन जाने से उत्तरी गुजरात को राज्य के दूसरे हिस्सों से बेहतर ढंग से जोड़ने में मदद मिलेगी. इस परियोजना से न केवल ट्रैफिक की भीड़ कम होगी, बल्कि यात्रियों के लिए एक आसान और कुशल परिवहन मार्ग भी तैयार होगा.
क्या है इस एक्सप्रेसवे की खासियत?
- नमो शक्ति एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 430 किमी होगी और यह दीसा को बनासकांठा के पीपावाव से जोड़ेगा.
- यह एक्सप्रेसवे प्रमुख शहरों के बीच यात्रा के समय में भारी कमी लाएगा.
- जिन क्षेत्रों में अब तक बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी थी, वहां आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
- बेहतर कनेक्टिविटी से निवेश को बढ़ावा मिलेगा और नए व्यवसायों के लिए अवसर पैदा होंगे.
- इस परियोजना को गुजरात के दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ा गया है, जिससे राज्य का परिवहन नेटवर्क और अधिक आधुनिक बनेगा.
सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे
सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे ज्योतिर्लिंग सोमनाथ को भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका से जोड़ेगा. इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 680 किलोमीटर होगी. इस एक्सप्रेसवे का उद्देश्य गुजरात के औद्योगिक और आर्थिक केंद्रों को कुशलतापूर्वक जोड़ना और गुड्स एंड सर्विसेज के परिवहन को सुगम बनाना है.
क्या है इस एक्सप्रेसवे की खासियत?
- यह 680 किलोमीटर लंबा होगा, जिसकी अनुमानित लागत 57,120 करोड़ रुपये होगी.
- यह एक्सप्रेसवे लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाएगा, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
- पर्यटन और वाणिज्य को मजबूती मिलेगी, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा.
- किसानों और उद्योगों को बेहतर बाजार तक पहुंच मिलेगी और परिवहन लागत में कमी आएगी.
- इस एक्सप्रेसवे को गुजरात के व्यापक सड़क नेटवर्क से जोड़कर सरकार क्षेत्रीय विकास को तेज करने का लक्ष्य बना रही है, जिससे राज्य व्यवसायों के लिए अधिक आकर्षक बन सके.
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