इन 9 शहरों में कम हो गई घरों की मांग, जानें क्या है वजह
2025 की पहली तिमाही में भारत के 9 शहरों में घरों की बिक्री में कमी आई है. जिन शहरों में गिरावट दर्ज की गई है, उनमें मुंबई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहर भी शामिल हैं. हालांकि, बेंगलुरु में इसका उलटा रुझान देखने को मिला, जहां बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

Real Estate: 2025 की शुरुआत हो गई है और रियल एस्टेट के लिहाज से इस साल की पहली तिमाही कुछ खास नहीं रही. रियल एस्टेट डेटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में भारत के शीर्ष नौ शहरों में आवासीय संपत्तियों की आपूर्ति और बिक्री, दोनों में कमी आई है. इन शहरों में नए घरों की आपूर्ति पिछले साल की तुलना में 34 फीसदी कम रही. पहली तिमाही में केवल 80,774 नई यूनिट लॉन्च हुईं, जबकि 2024 में इसी अवधि में 1,22,365 यूनिट लॉन्च हुई थीं. यह लगातार तीसरी तिमाही है जब 1,00,000 से कम यूनिट लॉन्च हुई हैं.
आवासीय संपत्तियों की बिक्री में भी 23 फीसदी की गिरावट आई है. 2025 की पहली तिमाही में केवल 1,05,791 यूनिट बिकीं, जबकि 2024 में इसी अवधि में 1,36,702 यूनिट बिकी थीं. आइए जानते हैं कि किन शहरों में गिरावट आई है और इसके पीछे क्या कारण हैं.
इन शहरों में आई गिरावट
जिन शहरों में गिरावट दर्ज की गई है, उनमें हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, ठाणे, नवी मुंबई, मुंबई और दिल्ली-एनसीआर शामिल हैं.
- कोलकाता में सबसे अधिक 62 फीसदी की गिरावट देखी गई.
- मुंबई और ठाणे में 50 फीसदी, पुणे में 48 फीसदी और हैदराबाद में बिक्री में 47 फीसदी की कमी आई.
- पिछली तिमाही (Q4CY2024) की तुलना में इस तिमाही में कुल आवासीय आपूर्ति 12 फीसदी और बिक्री 13 फीसदी कम हुई है.
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क्या हैं गिरावट के कारण
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और सीईओ सुमित जसूजा के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में रिकॉर्ड स्तर पर नए घरों की आपूर्ति (लॉन्च) होने के बाद अब इसमें स्थिरता आ रही है, जिससे बिक्री में गिरावट देखी जा रही है. उनके मुताबिक, इस गिरावट के पीछे निम्नलिखित कारण प्रमुख हैं:
घर के दामों में बढ़ोतरी – लगातार बढ़ती कीमतों के कारण खरीददारों की दिलचस्पी घटी है.
वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता – निवेशक सतर्क हो गए हैं और बड़े फैसले लेने में हिचकिचा रहे हैं.
अर्थव्यवस्था के संकेत – कुछ आर्थिक कारणों से भी निवेशक सावधान हो गए हैं.
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