इन शहरों में 10 फीसदी तक महंगे हुए घर, जानें क्या रही वजह
भारत के प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जिसमें सबसे ज्यादा वृद्धि दिल्ली में दर्ज की गई है, जो 31 फीसदी है. इसके अलावा, अन्य कई शहरों में भी यही ट्रेंड देखने को मिला है. पिछले कुछ समय से घरों की मांग में बढ़ोतरी और कच्चे माल की लागत में वृद्धि हुई है, जिसका सीधा असर आवासीय कीमतों पर पड़ा है.
मजबूत मांग और कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी के कारण अक्टूबर-दिसंबर 2024 की तिमाही में देश के आठ प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों में औसतन 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह जानकारी रियल एस्टेट निकाय क्रेडाई, रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स और डेटा विश्लेषक कंपनी लियासेस फोरास की संयुक्त रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में आवासीय कीमतों में सबसे अधिक 31 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके अलावा, बेंगलुरु में 23 फीसदी, चेन्नई में 6 फीसदी, हैदराबाद में 2 फीसदी, कोलकाता में 1 फीसदी, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में 3 फीसदी और पुणे में 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
लगातार 16वीं तिमाही में कीमतों में बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 से शुरू होकर लगातार 16वीं तिमाही में औसत आवासीय कीमतों में वृद्धि हो रही है. यह रुझान देशभर के आठ प्रमुख शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, “आवासीय कीमतों में निरंतर वृद्धि, मकान खरीदने वालों के बीच मजबूत आत्मविश्वास को दर्शाती है. हालांकि, बदलती प्राथमिकताएं और जीवनशैली में सुधार इसके प्रमुख कारक हैं, लेकिन निर्माण और भूमि अधिग्रहण की बढ़ती लागत भी कीमतों पर दबाव बना रही है.”
2025 में भी जारी रह सकता है यह ट्रेंड
कोलियर्स इंडिया के सीईओ बादल याग्निक ने कहा कि 2025 में भी शीर्ष आठ शहरों में औसत घरों की कीमतों में इसी तरह की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. उन्होंने कहा, “कर्ज दरों में और कमी की संभावना के साथ, अधिकांश शहरों में सभी श्रेणियों के घरों की बिक्री में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. इससे 2025 में औसत आवासीय कीमतें वार्षिक आधार पर समान स्तर पर बढ़ सकती हैं.”
यह भी पढ़ें: अंबानी-अडानी असम में करेंगे 1 लाख करोड़ का निवेश, टाटा भी लगाएगी EV प्लांट; जानें पूरी डिटेल्स
किफायती आवास की मांग बढ़ने की उम्मीद
लियासेस फोरास के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने बताया कि पिछली तिमाही में नई पेशकश में थोड़ी कमी के कारण बिक्री में मामूली गिरावट देखी गई. उन्होंने कहा, “हमें भविष्य में किफायती और मध्यम श्रेणी की आपूर्ति और बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे आपूर्ति की संरचना बदल जाएगी. पिछले चार वर्षों से आपूर्ति लक्जरी या आलीशान श्रेणी की ओर झुकी हुई है.”