मकान मालिक ने नहीं लौटाया सिक्योरिटी डिपॉजिट? किरायेदार ऐसे ले सकता है वापस, जान लें 3 फॉर्मूला
भारत में किराए पर रहने वाले लोगों को सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस न मिलने की समस्या आम है. नियमों के अनुसार, यदि किरायेदार मकान को सही स्थिति में लौटाता है, तो मकान मालिक को डिपॉजिट लौटाना होता है. हालांकि, कई बार मकान मालिक बिना वजह या गलत कारणों से रकम रोक लेते हैं.

भारत में किराए पर रहने वाले लोगों को अक्सर सिक्योरिटी डिपॉजिट वापस न मिलने की समस्या का सामना करना पड़ता है. नियमों के अनुसार, यदि किरायेदार ने घर को सही हालत में वापस किया है, तो मकान मालिक को डिपॉजिट की राशि लौटानी होती है. लेकिन वास्तविकता में कई बार यह राशि बिना किसी ठोस कारण के रोक ली जाती है. ऐसे में अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो जानिए आपको क्या करना चाहिए.
रेंट एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें
किराए पर घर लेने से पहले लिखित और स्पष्ट रेंट एग्रीमेंट होना अत्यंत आवश्यक है. इसमें डिपॉजिट की राशि, कटौती की शर्तें और रिफंड की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से लिखी होनी चाहिए. घर खाली करते समय यह सुनिश्चित करें कि मकान मालिक से लिखित रसीद लें, जिसमें लौटाई गई राशि का उल्लेख हो.
यह भी पढ़ें: सऊदी अरब ने भारत-पाकिस्तान सहित 14 देशों के लिए वीजा पर लगाई अस्थाई रोक, ये है बड़ी वजह
किरायेदारों के कानूनी अधिकार
भारत में हर राज्य का रेंट कंट्रोल एक्ट अलग-अलग है, लेकिन अधिकतर मामलों में मकान मालिक 1 से 3 महीने के किराए के बराबर सिक्योरिटी डिपॉजिट ले सकते हैं. यदि घर सही स्थिति में लौटाया गया है, तो मकान मालिक को यह राशि लौटानी ही होती है. ऐसा न करने पर किरायेदार निम्नलिखित कानूनी प्रावधानों के तहत कार्रवाई कर सकते हैं:
- Indian Contract Act, 1872: एग्रीमेंट के उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
- Consumer Protection Act, 2019: अनुचित व्यवहार या धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की जा सकती है.
- Negotiable Instruments Act, 1881: यदि मकान मालिक रिफंड का चेक देकर उसे बाउंस करवा देता है, तो शिकायत की जा सकती है.
सबूत जमा करें
- मकान लेते और छोड़ते समय फोटो/वीडियो बनाएं.
- सभी भुगतान की रसीदें सुरक्षित रखें.
- मकान मालिक से हुई बातचीत के मैसेज/ईमेल सेव करके रखें.
ध्यान रखने योग्य बातें
- घर में शिफ्ट होते समय कमरे की फोटोज लेकर मकान मालिक को साझा करें.
- हर लेन-देन की रसीद संभालकर रखें.
- डिपॉजिट को आखिरी महीने के किराए के रूप में समायोजित न करें.
- मकान खाली करने से पहले नोटिस पीरियड पूरा करें, ताकि कोई विवाद न हो.
Latest Stories

नोएडा में रुके प्रोजेक्ट्स को मिली रफ्तार, अथॉरिटी ने वसूले 533.91 करोड़ रुपये; खरीदारों को मिला मालिकाना हक

नए के बजाए अब पुरानी प्रॉपर्टी की बढ़ रही है डिमांड, किफायती कीमत में ऐसे तैयार हो रहा है सपनो का घर

वक्फ की 73000 प्रॉपर्टी विवादों में, पंजाब में सबसे ज्यादा मामले, जानें यूपी से लेकर बंगाल का हाल
