सऊदी में बन रहा है ‘सिटी ऑफ अर्थ’ टाटा, ओबेरॉय ने मारी बाजी; जानें क्या होगा खास

सऊदी अरब में एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है, जिसमें भारतीय कंपनियों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. यह प्रोजेक्ट अपने भव्य स्वरूप और असीमित व्यावसायिक संभावनाओं के कारण सुर्खियों में है. आखिर यह प्रोजेक्ट क्या है और भारत इससे कैसे जुड़ रहा है?

प्रतिकात्मक तस्वीर Image Credit: JohnnyGreig/E+/Getty Images

Diriyah City Of Earth: सऊदी अरब के 63.2 अरब डॉलर के लग्जरी ‘दिरियाह’ (Diriyah) प्रोजेक्ट में भारतीय कंपनियों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है. टाटा और ओबेरॉय जैसी दिग्गज कंपनियां पहले ही इसमें निवेश की घोषणा कर चुकी हैं, जबकि कई अन्य भारतीय कंपनियां भी इस ऐतिहासिक और भव्य गीगा प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने की कोशिश में हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, दिरियाह प्रोजेक्ट के सीईओ जेरी इनजरिलो ने वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम 2025 के दौरान कहा, “हम भारतीय निवेशकों को इस प्रोजेक्ट में शामिल करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं. भारत, सऊदी अरब के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है और हमारा लक्ष्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को और मजबूत करना है.”

क्या है दिरियाह प्रोजेक्ट?

दिरियाह प्रोजेक्ट सऊदी अरब की राजधानी रियाद के बाहरी इलाके में विकसित किया जा रहा. इस प्रोजेक्ट को ‘सिटी ऑफ अर्थ’ भी कहा जा रहा है. यह एक भव्य टूरिज्म और रियल एस्टेट परियोजना है. यह परियोजना ऐतिहासिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां सऊदी अरब के आधुनिक साम्राज्य की नींव रखी गई थी और इसमें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल ‘अत-तुरैफ’ (At-Turaif) भी शामिल है.

इस नए शहर में 1 लाख लोगों के रहने के लिए घर और 1 लाख से अधिक लोगों के लिए ऑफिस स्पेस होगा. इसके अलावा, दिरियाह में तमाम सुविधाएं मुहैया की जाएंगी. जिसमें शामिल है:

इनजरिलो ने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सऊदी अरब के ऐतिहासिक गौरव को बहाल करना और इसे ग्लोबल टूरिज्म मैप पर स्थापित करना है.

भारतीय कंपनियों के लिए अवसरों की भरमार

दिरियाह प्रोजेक्ट के विजन को देखते हुए इसमें निवेश के असीमित अवसर हैं और भारतीय कंपनियां इस मौके को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. इनजरिलो ने बताया कि भारतीय कंपनियां पहले से ही सऊदी अरब के निर्माण, आईटी, ऊर्जा और टेलीकॉम सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. वर्तमान में 3,000 से अधिक भारतीय कंपनियां सऊदी अरब में कार्यरत हैं.

उन्होंने कहा, “दिरियाह परियोजना को सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) का समर्थन प्राप्त है. ऐसे में यह भारतीय निवेशकों के लिए एक मजबूत और सुरक्षित अवसर बनता है. यह प्रोजेक्ट कई तरह की संपत्ति श्रेणियों (asset classes) को कवर करता है जिससे भारतीय कंपनियों और उद्यमियों को अलग-अलग सेक्टर में निवेश करने का मौका मिलेगा.”

भारतीय कंपनियों और निवेशकों के लिए दिरियाह प्रोजेक्ट में भागीदारी करने के लिए कई विशेष निवेश योजनाएं (investment packages) तैयार की गई हैं. इनमें रिहायशी, हॉस्पिटैलिटी, ऑफिस स्पेस, एजुकेशन और हेल्थकेयर से जुड़े निवेश के अवसर शामिल हैं. इनजरिलो ने कहा, “हमारा मानना है कि भारत का इस परियोजना में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा. हम भारतीय निवेशकों और कंपनियों को इसके जरिए शानदार विकास का अवसर देना चाहते हैं.”

भारतीय होटल कंपनियों की बढ़ी भागीदारी

भारतीय हॉस्पिटैलिटी सेक्टर भी इस प्रोजेक्ट में तेजी से अपनी जगह बना रहा है. इनजरिलो ने बताया कि भारत की प्रमुख होटल चेन ‘ताज होटल्स’ ने दिरियाह में अपना 250वां प्रॉपर्टी खोलने की योजना बनाई है. इसमें 202 कमरे होंगे. इसके अलावा, ओबेरॉय होटल्स दिरियाह के नए पोलो और घुड़सवारी केंद्र के पास एक शानदार होटल विकसित कर रहा है.

इनजरिलो ने कहा, “हम पहले ही कई भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर चुके हैं और आने वाले समय में इसमें और वृद्धि होगी.”

पर्यटन में भारत की बढ़ती भूमिका

दिरियाह प्रोजेक्ट सऊदी अरब के पर्यटन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला है. इनजरिलो ने कहा कि 2022-23 में 1.5 मिलियन भारतीय पर्यटकों ने सऊदी अरब का दौरा किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50% अधिक था. उन्होंने बताया कि दिरियाह के दो सबसे बड़े आकर्षण – ‘यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल अत-तुरैफ’ और ‘बुजैरी टेरेस’ अब तक 30 लाख से अधिक विजिटर्स को आकर्षित कर चुके हैं.

इनजरिलो ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि 2030 तक हर साल 50 मिलियन से अधिक पर्यटक दिरियाह का दौरा करेंगे, जिनमें बड़ी संख्या भारतीय पर्यटकों की होगी.”

भारत-सऊदी व्यापार संबंधों को मिलेगी मजबूती

भारत और सऊदी अरब पहले से ही एक मजबूत व्यापारिक रिश्ता साझा करते हैं. इनजरिलो ने कहा कि भारत, सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक सहयोगी है. उन्होंने बताया कि 2022-23 में भारत-सऊदी व्यापार का कुल मूल्य 52.8 अरब डॉलर था और दिरियाह इस साझेदारी को और आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

सिर्फ निवेश ही नहीं, बल्कि भारतीय पेशेवर भी इस गीगा प्रोजेक्ट में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इनजरिलो ने बताया कि दिरियाह प्रोजेक्ट में 200 से अधिक भारतीय इंजीनियर, डिजाइनर, वित्त विशेषज्ञ और अन्य पेशेवर काम कर रहे हैं. इनजरिलो ने कहा, “हम भारतीय प्रतिभा और कौशल को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं और भविष्य में इस संख्या में और वृद्धि की उम्मीद करते हैं.”

यह भी पढ़ें: मालदीव को याद आ गई हैसियत, अब 3 लाख भारतीयों पर डाल रहा है डोरे

भारतीय सीईओ कर रहे हैं मौके की तलाश

इनजरिलो ने बताया कि हाल ही में कई भारतीय कंपनियों के सीईओ और बिजनेस लीडर्स दिरियाह प्रोजेक्ट के अवसरों को समझने के लिए वहां का दौरा कर चुके हैं. उन्होंने कहा, “हमने 20-50 भारतीय सीईओ के समूहों की मेजबानी की है, जो सऊदी अरब में संभावित निवेश अवसरों को तलाशने आए थे. यह साझेदारी आगे और मजबूत होगी.”