2030 तक घर खरीदने में होगा युवाओं का दबदबा, 60 फीसदी होगी इनकी हिस्सेदारी
भारतीय आवासीय बाजार में मिलेनियल्स और जेन जी की बढ़ती मांग के कारण बड़े बदलाव की उम्मीद है, जिसमें 2030 तक 60% नए घर खरीदार इन पीढ़ियों से होंगे. शहरीकरण, टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन और बदलती पसंद के कारण 2025 तक आवासीय बाजार में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
भारत के आवासीय बाजार में एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है, और इस बदलाव का मुख्य केंद्र मिलेनियल्स और जेनरेशन जी यानी Gen Z के युवा खरीदार हैं. ग्लोबल रियल एस्टेट सर्विस प्रोवाइडर JLL की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक भारत में नए घर खरीदने वालों में से करीब 60% हिस्सेदारी इन दोनों पीढ़ियों की होगी.
मिलेनियल्स वे लोग हैं, जो 1980 के शुरुआती सालों से लेकर 19976 तक जन्म ले चुके हैं और जेन जी उन लोगों को कहा जाता है, जो 1997 से लेकर 2010 के शुरुआती सालों के बीच पैदा हुए हैं.
2025 तक घर खरीदने का चलन और बढ़ेगा
JLL की रिपोर्ट बताती है कि 2025 तक शहरी इलाकों में घर का मालिकाना हक 72% तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2020 में 65% थी. यह बदलाव सस्ते और आसान फाइनेंसिंग ऑप्शन के चलते और युवा वर्ग के आवासीय बाजार में एंट्री से संभव हो सकेगा.
बदलते रुझान और तेजी से हो रहा शहरीकरण
भारत का आवासीय बाजार 2025 तक बड़े बदलाव के दौर से गुजरेगा. तेजी से हो रहे शहरीकरण, टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन, और ग्रहकों की बदलती पसंद इस बदलाव के मुख्य कारण होंगे. JLL इंडिया के सीनियर डायरेक्टर ऋतेश मेहता के अनुसार, छोटे शहर और कस्बे, जैसे जयपुर, इंदौर और कोच्चि, इस वृद्धि के मुख्य केंद्र बन रहे हैं. 2025 तक, ये टियर 2 और टियर 3 शहर भारत के कुल नए आवासीय विकास में 40% से ज्यादा का योगदान देंगे.
आवासीय क्षेत्र की जीडीपी में भूमिका
2025 तक भारत का आवासीय क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देगा. यह क्षेत्र भारत के GDP में 13% का हिस्सा बनाएगा. इसके साथ ही, यह बाजार 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा, जो यह दर्शाता है कि आवासीय बाजार कितनी तेजी से बदल रहा है.
सस्टेनेबल डेवलपमेंट और स्मार्ट होम्स का बढ़ता चलन
रिपोर्ट में बताया गया है कि आजकल सस्टेनेबिलिटी को पहले जैसी लग्जरी न मानते हुए अब इसे एक आवश्यकता समझा जा रहा है. ग्रीन-सर्टिफाइड बिल्डिंग्स का हिस्सा 2020 के 15% से बढ़कर 2025 तक 30% हो जाएगा. इसके अलावा, स्मार्ट होम्स घरों की मांग तेजी से बढ़ रही है.