नितिन गडकरी का ऐलान- पूरे देश में बिछेगा हाईवे का जाल, अगले 2 साल में खर्च होंगे 10 लाख करोड़ रुपये

केंद्र सरकार अगले दो वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये खर्च कर देशभर में हाईवे नेटवर्क को मजबूत करेगी, जिसमें पूर्वोत्तर पर विशेष ध्यान रहेगा. नागपुर में प्रदूषण मुक्त बस का पायलट प्रोजेक्ट भी चल रहा है. 2014 से अब तक राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई में बड़ा इजाफा हुआ है और सड़कों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है.

इन राज्यों में बिछेगा सड़क का जाल. Image Credit: Freepik

National Highways Network: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले दो वर्षों में देशभर में हाईवे मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार 10 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है. इसमें पूर्वोत्तर राज्यों पर खास ध्यान दिया जाएगा. पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में गडकरी ने कहा कि सरकार देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को अगले दो सालों में पूरी तरह से बदलना चाहती है, ताकि वह दुनिया के बेहतरीन मानकों के बराबर हो सके.

उन्होंने कहा कि हम अगले दो वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं लाने जा रहे हैं, जिससे देशभर में हाईवे नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा. खासतौर पर पूर्वोत्तर और सीमावर्ती इलाकों में ढांचागत विकास पर जोर रहेगा. आने वाले दो सालों में पूर्वोत्तर में सड़कें अमेरिका की सड़कों जैसी होंगी. गडकरी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र का भूगोल चुनौतीपूर्ण है और यह सीमावर्ती इलाकों के पास है, इसलिए वहां सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना बेहद जरूरी है.

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21,355 किलोमीटर लंबी सड़कें बनेंगी

उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य देश के इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरी तरह बदलना है, ताकि वह दुनिया के बेहतरीन स्तर पर पहुंच सके. इसके तहत महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली सहित सभी राज्यों में काम चल रहा है. गडकरी ने बताया कि पूर्वी राज्यों में 784 हाईवे परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनकी अनुमानित लागत 3,73,484 करोड़ रुपये होगी और इससे कुल 21,355 किलोमीटर लंबी सड़कें बनेंगी.

बिहार में 90,000 करोड़ रुपये की परियोजना

गडकरी ने बताया कि इन परियोजनाओं में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और नेशनल हाईवे एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHIDCL) की योजनाएं शामिल हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल असम में लगभग 57,696 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं. बिहार में करीब 90,000 करोड़ रुपये की, पश्चिम बंगाल में 42,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की, झारखंड में 53,000 करोड़ रुपये और ओडिशा में करीब 58,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं.

रैपिड ट्रांसपोर्ट पायलट प्रोजेक्ट

गडकरी ने आगे कहा कि असम को छोड़कर पूरे पूर्वोत्तर में इस साल ही लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं. गडकरी ने बताया कि नागपुर में 170 करोड़ रुपये की लागत से एक मास रैपिड ट्रांसपोर्ट पायलट प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत 135 सीटर बस चलाई जाएगी, जो प्रदूषण रहित ऊर्जा स्रोतों पर चलेगी और काफी किफायती भी होगी. अगर यह प्रोजेक्ट सफल होता है, तो इसे देशभर के अहम रूट्स पर लागू किया जाएगा, जैसे दिल्ली-जयपुर मार्ग पर, और यह ‘बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT)’ मॉडल के तहत किया जाएगा.”

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नेटवर्क काफी तेजी से बढ़ा है

मंत्री ने बताया कि देश में राष्ट्रीय राजमार्गों का नेटवर्क काफी तेजी से बढ़ा है. मार्च 2014 में यह 91,287 किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गया है. साथ ही सड़कों की गुणवत्ता में भी बड़ा सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि दो लेन से कम चौड़ाई वाले हाईवे अब कुल नेटवर्क का सिर्फ 9 फीसदी रह गए हैं, जबकि पहले यह 30 फीसदी था. वित्त वर्ष 2024–25 में NHAI ने 5,614 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया है, जो उसके तय लक्ष्य 5,150 किलोमीटर से ज्यादा है.